File:Chaitanya-Mahaprabhu-with-Roop-and-Sanatan-Goswami.jpg: Difference between revisions

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|अन्य विवरण='''चैतन्य महाप्रभु''' ([[अंग्रेज़ी]]:''Chaitanya Mahaprabhu'',  जन्म: सन् 1486 - मृत्यु: सन् 1534) [[भक्तिकाल]] के प्रमुख कवियों में से एक हैं। इन्होंने [[वैष्णव|वैष्णवों]] के गौड़ीय संप्रदाय की आधारशिला रखी। भजन गायकी की एक नयी शैली को जन्म दिया तथा राजनीतिक अस्थिरता के दिनों में [[हिन्दू]]-[[मुस्लिम]] एकता की सद्भावना को बल दिया, जाति-पांत, ऊंच-नीच की भावना को दूर करने की शिक्षा दी तथा विलुप्त [[वृन्दावन]] को फिर से बसाया और अपने जीवन का अंतिम भाग वहीं व्यतीत किया।  
|अन्य विवरण='चैतन्य महाप्रभु' भक्तिकाल के प्रमुख कवियों में से एक थे। इन्होंने वैष्णवों के गौड़ीय संप्रदाय की आधारशिला रखी। भजन गायकी की एक नयी शैली को जन्म दिया तथा राजनीतिक अस्थिरता के दिनों में हिन्दू-मुस्लिम एकता की सद्भावना को बल दिया, जाति-पांत, ऊंच-नीच की भावना को दूर करने की शिक्षा दी तथा विलुप्त [[वृन्दावन]] को फिर से बसाया और अपने जीवन का अंतिम भाग वहीं व्यतीत किया।  
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चित्र जानकारी
विवरण (Description) चैतन्य महाप्रभु को दण्डवत प्रणाम करते हुए रूप गोस्वामी और सनातन गोस्वामी
उपलब्ध (Available) GAUDIYA HISTORY
अन्य विवरण 'चैतन्य महाप्रभु' भक्तिकाल के प्रमुख कवियों में से एक थे। इन्होंने वैष्णवों के गौड़ीय संप्रदाय की आधारशिला रखी। भजन गायकी की एक नयी शैली को जन्म दिया तथा राजनीतिक अस्थिरता के दिनों में हिन्दू-मुस्लिम एकता की सद्भावना को बल दिया, जाति-पांत, ऊंच-नीच की भावना को दूर करने की शिक्षा दी तथा विलुप्त वृन्दावन को फिर से बसाया और अपने जीवन का अंतिम भाग वहीं व्यतीत किया।




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Date/Timeअंगुष्ठ नखाकार (थंबनेल)DimensionsUserComment
current12:33, 16 May 2015Thumbnail for version as of 12:33, 16 May 2015300 × 206 (22 KB)गोविन्द राम (talk | contribs)

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