मोहनमंत्र: Difference between revisions
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*राज्याभिषेक के समय राजा को एक मणि, जो पर्ण वृक्ष की बनाई जाती थी, मोहनमंत्र से अभिमंत्रित करके पहिनाई जाती थी। इससे जो भी राजा के सामने जाता था, वह मोहित और प्रभावित हो जाता था।<ref>{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/ | *राज्याभिषेक के समय राजा को एक मणि, जो पर्ण वृक्ष की बनाई जाती थी, मोहनमंत्र से अभिमंत्रित करके पहिनाई जाती थी। इससे जो भी राजा के सामने जाता था, वह मोहित और प्रभावित हो जाता था।<ref>{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%AE%E0%A5%8B%E0%A4%B9%E0%A4%A8%E0%A4%AE%E0%A4%82%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0 |title=मोहनमंत्र |accessmonthday= 22 सितम्बर|accessyear=2015 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher= भारतखोज|language=हिन्दी }}</ref> | ||
*युद्ध के समय मोहनमंत्र का प्रयोग शत्रु की सेना पर किया जाता था। रणदुदंभी पर मोहनमंत्र किया जाता था, जिससे उसको सुनने वाले विपक्ष के सैनिक मोहित और भयभीत हो जाते थे। | *युद्ध के समय मोहनमंत्र का प्रयोग शत्रु की सेना पर किया जाता था। रणदुदंभी पर मोहनमंत्र किया जाता था, जिससे उसको सुनने वाले विपक्ष के सैनिक मोहित और भयभीत हो जाते थे। | ||
*किसी व्यक्ति विशेष पर मोहनमंत्र करने के लिये भी उसी प्रकार पुतला बनाया जाता था, जैसे वशीकरण मंत्र में किया जाता है। | *किसी व्यक्ति विशेष पर मोहनमंत्र करने के लिये भी उसी प्रकार पुतला बनाया जाता था, जैसे वशीकरण मंत्र में किया जाता है। |
Latest revision as of 08:47, 22 September 2015
मोहनमंत्र वह मंत्र है, जिसके द्वारा किसी व्यक्ति को या समुदाय को मोहित किया जाता है।
- इस मंत्र के द्वारा मनुष्य की मानसिक क्रियाओं पर प्रभाव डालकर उसको वश में किया जाता है।
- राज्याभिषेक के समय राजा को एक मणि, जो पर्ण वृक्ष की बनाई जाती थी, मोहनमंत्र से अभिमंत्रित करके पहिनाई जाती थी। इससे जो भी राजा के सामने जाता था, वह मोहित और प्रभावित हो जाता था।[1]
- युद्ध के समय मोहनमंत्र का प्रयोग शत्रु की सेना पर किया जाता था। रणदुदंभी पर मोहनमंत्र किया जाता था, जिससे उसको सुनने वाले विपक्ष के सैनिक मोहित और भयभीत हो जाते थे।
- किसी व्यक्ति विशेष पर मोहनमंत्र करने के लिये भी उसी प्रकार पुतला बनाया जाता था, जैसे वशीकरण मंत्र में किया जाता है।
- साँप को मोहनमंत्र द्वारा निष्क्रिय किया जाता है।
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