घुटने टेकना: Difference between revisions

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'''प्रयोग'''-  
'''प्रयोग'''-  
#मैं सूर्यप्रताप सिंह के आगे घुटने नहीं टेक सकता। (प्रेमचंद्र)
#मैं सूर्यप्रताप सिंह के आगे घुटने नहीं टेक सकता। ([[प्रेमचंद]])  
#उस पानी का भाव इतना तेज था कि कोई नाव वहाँ तक पहुँची ही न पाती थी। फ़ौजी सैनिकों तक ने अपने घुटने टेक दिए।
#उस पानी का भाव इतना तेज था कि कोई नाव वहाँ तक पहुँची ही न पाती थी। फ़ौजी सैनिकों तक ने अपने घुटने टेक दिए।



Revision as of 06:41, 28 October 2015

घुटने टेकना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- हार मान लेना, आत्मसमर्पण कर देना।

प्रयोग-

  1. मैं सूर्यप्रताप सिंह के आगे घुटने नहीं टेक सकता। (प्रेमचंद)
  2. उस पानी का भाव इतना तेज था कि कोई नाव वहाँ तक पहुँची ही न पाती थी। फ़ौजी सैनिकों तक ने अपने घुटने टेक दिए।

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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