छिपा रुस्तम: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
m (रविन्द्र प्रसाद ने छिपा रूस्तम पृष्ठ छिपा रुस्तम पर स्थानांतरित किया) |
No edit summary |
||
Line 3: | Line 3: | ||
'''अर्थ'''- ऐसा बहुत बड़ा बलवान व्यक्ति या दल जिसके बल के बारे में सामान्यत: लोगों को पता न हो। | '''अर्थ'''- ऐसा बहुत बड़ा बलवान व्यक्ति या दल जिसके बल के बारे में सामान्यत: लोगों को पता न हो। | ||
'''प्रयोग'''- वैसे तो फिरंगी सरकार की निगाह में अरविंद छिपे | '''प्रयोग'''- वैसे तो फिरंगी सरकार की निगाह में [[अरविंदो घोष|अरविंद]] छिपे रुस्तम रहे। (राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह) | ||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== |
Revision as of 14:07, 2 November 2015
छिपा रूस्तम एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- ऐसा बहुत बड़ा बलवान व्यक्ति या दल जिसके बल के बारे में सामान्यत: लोगों को पता न हो।
प्रयोग- वैसे तो फिरंगी सरकार की निगाह में अरविंद छिपे रुस्तम रहे। (राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह)