छिपा रुस्तम: Difference between revisions

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'''अर्थ'''- ऐसा बहुत बड़ा बलवान व्यक्ति या दल जिसके बल के बारे में सामान्यत: लोगों को पता न हो।
'''अर्थ'''- ऐसा बहुत बड़ा बलवान व्यक्ति या दल जिसके बल के बारे में सामान्यत: लोगों को पता न हो।


'''प्रयोग'''- वैसे तो फिरंगी सरकार की निगाह में अरविंद छिपे रूस्तम रहे।(राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह)
'''प्रयोग'''- वैसे तो फिरंगी सरकार की निगाह में [[अरविंदो घोष|अरविंद]] छिपे रुस्तम रहे। (राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह)


==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

Revision as of 14:07, 2 November 2015

छिपा रूस्तम एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- ऐसा बहुत बड़ा बलवान व्यक्ति या दल जिसके बल के बारे में सामान्यत: लोगों को पता न हो।

प्रयोग- वैसे तो फिरंगी सरकार की निगाह में अरविंद छिपे रुस्तम रहे। (राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह)

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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