अंग फड़कने लगना: Difference between revisions
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'''अर्थ'''- आवेश से भर उठना। | '''अर्थ'''- आवेश से भर उठना। | ||
'''प्रयोग'''- दिल्लीपत | '''प्रयोग'''- दिल्लीपत बेला का ब्याह ऐसा गाकर पढ़ता की सुनने वालों के अंग फड़कने लगते। ...(अजित पुष्कल) | ||