भारत के फल: Difference between revisions
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Revision as of 10:33, 22 August 2010
निषेचित, परिवर्तित एवं परिपक्व अंडाशय को फल कहते हैं। फल का निर्माण फूल के द्वारा होता है। फल का निर्माण फूल का स्त्री जननकोष अंडाशय निषेचन की प्रक्रिया द्वारा रूपान्तरित होकर करता है। कई पादप प्रजातियों में, फल के अंतर्गत पक्व अंडाशय के अतिरिक्त आसपास के ऊतक भी आते है। फल वह माध्यम है जिसके द्वारा पुष्पीय पादप अपने बीजों का प्रसार करते हैं, हालांकि सभी बीज फलों से नहीं आते हैं।
फल विश्व के सबसे स्वादिष्ट भोजन हैं। फल ऐसे भोजन हैं जिन्हें खाया भी जाता है और रस निकाल कर पिया भी जाता है। अनेक प्रकार के नमकीन व मीठे व्यंजनों में फलों का प्रयोग होता है। कहीं स्वाद के लिए कहीं रंग लाने के लिए तो कहीं सुगंध के लिए। फलों में किसी भी प्रकार के हानिकारक कार्बन या कैलोरी नहीं होते। फल विटामिन, रेशों और खनिज के सर्वश्रेष्ठ स्रोत हैं। फलों में 80 प्रतिशत पानी पाया जाता है जो मानव शरीर के पानी के अनुपात के लगभग बराबर है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ फलों का फलित (हिन्दी) (एच टी एम) अभिव्यक्ति। अभिगमन तिथि: 22 अगस्त, 2010।