विश्व कप फ़ुटबॉल 1954: Difference between revisions

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'''विश्व कप फ़ुटबॉल 1954''' अथवा '''फ़ीफ़ा विश्व कप 1954''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''FIFA World Cup 1954'')
'''विश्व कप फ़ुटबॉल 1954''' अथवा '''फ़ीफ़ा विश्व कप 1954''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''FIFA World Cup 1954'')

Latest revision as of 10:35, 4 August 2016

विश्व कप फ़ुटबॉल 1954
विवरण 'फ़ीफ़ा विश्व कप' का आयोजन 'फ़ीफ़ा' (फ़ेडरेशन ऑफ़ इंटरनेशनल फ़ुटबॉल एसोसिएशन) द्वारा कराया जाता है। पाँचवाँ विश्व कप फ़ुटबॉल वर्ष 1954 में खेला गया था, जिसकी मेज़बानी स्विट्ज़रलैण्ड ने की थी।
वर्ष 1954
तिथि 16 जून से 4 जुलाई
कुल देश 16
फ़ाइनल पश्चिम जर्मनी तथा हंगरी के मध्य।
विजेता पश्चिम जर्मनी
कुल मैच 26
कुल गोल 140
दर्शक 7,68,607
अन्य जानकारी फ़ुटबॉल के इस विश्व कप में वरीयता पद्धति को भी महत्व दिया गया। ये तय किया गया कि रैंकिंग में चार शीर्ष टीमें एक-दूसरे से पहले दौर में नहीं खेलेंगी।
अद्यतन‎ 04:05 4 अगस्त, 2016 (IST)

विश्व कप फ़ुटबॉल 1954 अथवा फ़ीफ़ा विश्व कप 1954 (अंग्रेज़ी: FIFA World Cup 1954)

सन 1954 के विश्व कप फ़ुटबॉल की मेज़बानी स्विट्ज़रलैंड को दी गई। इस साल फ़ीफ़ा के गठन की 50वीं सालगिरह थी और उस समय फ़ीफ़ा का मुख्यालय ज्यूरिख में ही था। फ़ुटबॉल के महामुकाबले में कुल 16 देशों की टीमों ने भाग लिया। फ़ाइनल मैच पश्चिम जर्मनी तथा हंगरी के मध्य खेला गया था। पश्चिम जर्मनी ने हंगरी को 3-2 से पराजित किया।

सम्मिलित देश

इस बार फिर से विश्व कप के स्वरूप को पहले जैसा ही कर दिया गया था। इस विश्व कप में 16 देशों की टीमों ने प्रतिभाग किया। इस प्रतियोगिता में वरीयता पद्धति को भी महत्व दिया गया। ये तय किया गया कि रैंकिंग में चार शीर्ष टीमें एक-दूसरे से पहले दौर में नहीं खेलेंगी। अर्जेंटीना ने इस विश्व कप का भी बहिष्कार किया, लेकिन पश्चिम जर्मनी की टीम ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। पहली बार उरुग्वे ने भी यूरोप में आकर विश्व कप में शामिल होने का फ़ैसला किया।

प्रबल दावेदार हंगरी

इस विश्व कप में हंगरी को ख़िताब का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। हंगरी की टीम 1952 की ओलंपिक चैम्पियन थी और अभी भी मैदान पर उनका कोई सानी नहीं था। उनके खिलाड़ी जिस शैली से फ़ुटबॉल खेलते थे, उसे मात देना मुश्किल समझा जा रहा था, लेकिन सबसे शानदार शुरुआत की पश्चिम जर्मनी ने। पश्चिम जर्मनी ने तुर्की को 4-1 से हराकर ज़बरदस्त शुरुआत की। लेकिन हंगरी की टीम भी कहाँ पीछे थी। ग्रुप मैच में उसने जर्मनी को 8-3 से हराकर जैसे प्रतियोगिता में अपने वर्चस्व का डंका पीट दिया। लेकिन आगे चलकर पश्चिमी जर्मनी की टीम ही उसके लिए काल साबित हुई।

विश्व कप का ख़िताब

क्वार्टर फ़ाइनल में उरुग्वे ने इंग्लैंड को 4-2 से मात दी, तो हंगरी ने ब्राज़ील को इसी अंतर से हराया। सेमी फ़ाइनल मैच सबसे यादगार साबित हुआ, जब मुक़ाबला उरुग्वे और हंगरी के बीच हुआ। आख़िरकार अतिरिक्त समय में हंगरी ने उरुग्वे को हराकर फ़ाइनल में जगह बनाई। पश्चिमी जर्मनी की टीम सही समय पर ज़बरदस्त फ़ॉर्म में आई। उसने सेमी फ़ाइनल में पड़ोसी ऑस्ट्रिया की टीम को 6-1 से पीटकर फ़ाइनल में प्रवेश किया।

फ़ाइनल मैच बड़ा नाटकीय साबित हुआ। एक समय हंगरी की टीम 2-0 से आगे चल रही थी, लेकिन जर्मनी ने शानदार वापसी करते हुए पहले तो गोल उतारे और फिर बढ़त भी हासिल कर ली। इसी के साथ हंगरी के ख़िताब जीतने का सपना चकनाचूर हो गया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

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