पहेली 12 सितम्बर 2016: Difference between revisions
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||[[चित्र:Madhvacharya.jpg|right|border|100px|महाबोधि]]'द्वैतवाद' या 'द्वैत' [[संस्कृत|संस्कृत भाषा]] का शब्द है, जिसका अर्थ 'द्विवाद' है। यह [[वेदांत]] की रूढ़िवादी [[हिन्दू]] दार्शनिक प्रणाली का एक महत्त्वपूर्ण मत है। [[द्वैतवाद]] [[दर्शन]] से सम्बन्धित एक वाद है, जिसके प्रणेता [[मध्वाचार्य]] थे। 'एक' से अधिक की स्वीकृति होने के कारण यह 'द्वैत' तथा 'त्रैत' दोनों ही नामों से अभिहित है। इस दर्शन के अनुसार प्रकृति, जीव तथा परमात्मा तीनों का अस्तित्त्व मान्य है। मध्वाचार्य ने 'भाव' और 'अभाव' का अंकन करते हुए भ्रम का मूल कारण अभाव को माना है। इस मत में विभिन्न दर्शनों में से अनेक तत्त्व गृहीत हैं। द्वैत में भेद की धारणा का बड़ा महत्त्व है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[द्वैतवाद]]</quiz> | ||[[चित्र:Madhvacharya.jpg|right|border|100px|महाबोधि]]'द्वैतवाद' या 'द्वैत' [[संस्कृत|संस्कृत भाषा]] का शब्द है, जिसका अर्थ 'द्विवाद' है। यह [[वेदांत]] की रूढ़िवादी [[हिन्दू]] दार्शनिक प्रणाली का एक महत्त्वपूर्ण मत है। [[द्वैतवाद]] [[दर्शन]] से सम्बन्धित एक वाद है, जिसके प्रणेता [[मध्वाचार्य]] थे। 'एक' से अधिक की स्वीकृति होने के कारण यह 'द्वैत' तथा 'त्रैत' दोनों ही नामों से अभिहित है। इस दर्शन के अनुसार प्रकृति, जीव तथा परमात्मा तीनों का अस्तित्त्व मान्य है। मध्वाचार्य ने 'भाव' और 'अभाव' का अंकन करते हुए भ्रम का मूल कारण अभाव को माना है। इस मत में विभिन्न दर्शनों में से अनेक तत्त्व गृहीत हैं। द्वैत में भेद की धारणा का बड़ा महत्त्व है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[द्वैतवाद]] | ||
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