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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {[[छत्तीसगढ़|छत्तीसगढ़ राज्य]] में सबसे अधिक मात्रा में कौन-सा [[खनिज]] [[पदार्थ]] प्राप्त होता है?
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| |type="()"}
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| -[[ताँबा]]
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| -[[मैंगनीज़]]
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| +[[डोलोमाइट]]
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| -[[सल्फ़र]]
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| ||[[छत्तीसगढ़]] [[भारत]] के [[खनिज]] समृद्ध राज्यों में से एक है। यहाँ पर चूना-पत्थर, [[लौह अयस्क]], [[तांबा]], फ़ॉस्फेट, [[मैंगनीज़]], [[बॉक्साइट]], [[कोयला]], एसबेस्टॅस और [[अभ्रक]] के उल्लेखनीय भंडार हैं। छत्तीसगढ़ में लगभग 52.5 करोड़ टन का '[[डोलोमाइट]]' का भंडार है, जो पूरे देश के कुल भंडार का 24 प्रतिशत है। यहाँ बॉक्साइट का अनुमानित 7.3 करोड़ टन का समृद्ध भंडार है और टिन अयस्क का 2,700 करोड़ से भी ज़्यादा का उल्लेखनीय भंडार है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
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| {'छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान' की स्थापना किस [[विश्वविद्यालय]] द्वारा की गई है?
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| -रविशंकर विश्वविद्यालय
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| +[[गुरु घासीदास विश्वविद्यालय]]
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| -रावतपुरा विश्वविद्यालय
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| -डॉक्टर सी.वी.रमन विश्वविद्यालय
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| ||'गुरु घासीदास विश्वविद्यालय' (जी.जी.यू.) [[भारत]] का एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय है, जो [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]], [[छत्तीसगढ़]] राज्य में है। सामाजिक और आर्थिक रूप से चुनौती वाले क्षेत्र में स्थित इस विश्वविद्यालय को उचित नाम, महान संत गुरु घासीदास के सम्मान स्वरूप दिया गया था, जिन्होंने दलितों, सभी सामाजिक बुराइयों और समाज में प्रचलित अन्याय के ख़िलाफ़ एक अनवरत संघर्ष छेड़ा था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[गुरु घासीदास विश्वविद्यालय]]
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| {[[छत्तीसगढ़]] में निमोनिया रोग को क्या कहा जाता है?
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| |type="()"}
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| -डब्बा रोग
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| -नैमोरी रोग
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| +इब्बा रोग
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| -सत्तु रोग
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| {'इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय' की स्थापना किस सन् में हुई थी?
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| |type="()"}
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| -सन [[1975]]
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| +सन [[1987]]
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| -सन [[1988]]
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| -सन [[1980]]
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| ||[[चित्र:Bharat-map-3.jpg|right|120px|मानचित्र में छत्तीसगढ़ की स्थिति]][[छत्तीसगढ़]] में [[धान]] का सर्वाधिक भंडार है। लगभग 3.03 लाख हेक्टेयर में बागवानी फ़सलें उगाई जाती हैं। राज्य में 'इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय' प्रमुख [[कृषि]] कार्यों के बारे में विस्तारपूर्वक शोध करता है। [[विश्वविद्यालय]] की स्थापना [[20 जनवरी]], सन् [[1987]] को की गई थी। यह कृषि विश्वविद्यालय कृषि-शिक्षा प्रदान करता है। यह विश्वविद्यालय 9 महाविद्यालयों, 8 अनुसंधान केन्द्रों तथा 4 कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से काम कर रहा है। इस विश्वविद्यालय का लक्ष्य है- 'कृषि शिक्षा अनुसंधान और प्रसार'।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छत्तीसगढ़]]
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| {[[छत्तीसगढ़|छत्तीसगढ़ राज्य]] में कुल सरकारी [[विश्वविद्यालय]] कितने हैं?
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| |type="()"}
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| -2
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| +4
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| -5
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| -6
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| {[[छत्तीसगढ़]] में साक्षरता की दृष्टि से सर्वाधिक पिछड़ा ज़िला कौन-सा है? | | {[[छत्तीसगढ़]] में साक्षरता की दृष्टि से सर्वाधिक पिछड़ा ज़िला कौन-सा है? |
| |type="()"} | | |type="()"} |