कंबुजीय: Difference between revisions
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*ईरानी सेनाओं के सम्मुख टिकने की क्षमता मिस्री सेनाओं में नही थी, यद्यपि पेलूज़ियिम में एक छोटा-सा युद्ध हुआ, जिसमें अमसिस का पुत्र समतिक तृतीय पराजित हुआ और मेंफिस भागा। | *ईरानी सेनाओं के सम्मुख टिकने की क्षमता मिस्री सेनाओं में नही थी, यद्यपि पेलूज़ियिम में एक छोटा-सा युद्ध हुआ, जिसमें अमसिस का पुत्र समतिक तृतीय पराजित हुआ और मेंफिस भागा। |
Revision as of 07:50, 23 June 2017
कंबुजीय ईरान के राजा कुरूष प्रथम का पुत्र था। ईरान में कंबुजीय द्वितीय नाम से भी राजा हुआ था, जो कुरूष द्वितीय का पुत्र था। पिता की मृत्यु के पश्चात् कंबुजीय ने उसी की विजय नीति अपनाई और सबसे पहले मिस्र को हस्तगत कर देने के लिए चढ़ाई की।
- ईरानी सेनाओं के सम्मुख टिकने की क्षमता मिस्री सेनाओं में नही थी, यद्यपि पेलूज़ियिम में एक छोटा-सा युद्ध हुआ, जिसमें अमसिस का पुत्र समतिक तृतीय पराजित हुआ और मेंफिस भागा।
- कंबुजीय ने वहाँ तक उसका पीछा किया और मेंफिस पर अधिकार कर लिया। उसने फ़राऊन को कैद करके ईरान भेज दिया और स्वयं सिंहासनारूढ़ हुआ।
- मिस्र पर अधिकार करने का रहस्य सिंहासनारूढ़ होने तथा मिस्री देवताओं की पूजा करने में था। कंबुजीय ने यह दोनों कार्य किए। उसने मिस्री नाम भी धारण कर लिया।
- मिस्र पर विजय के उपरांत कंबुजीय ने कार्थेज विजय के लिए सेनाएँ भेजीं, जो रास्ते में ही नष्ट हो गईं।
- कंबुजीय दक्षिण मिस्र के कुछ खोए हुए प्रदेशों को भी पुन: प्राप्त करना चाहता था, किंतु इस अभियान में भी उसकी सेनाएँ नष्ट हुईं। कंबुजीय के दिमाग में इन हानियों का कारण 'मिस्र का जादू' जम गया।
- इसी बीच कंबुजीय को खबर मिली कि फ़ारस में विद्रोह उठ खड़ा हुआ है। कंबुजीय मिस्र का शासन भार एक सामंत आर्यंदेस के ऊपर छोड़कर शीघ्र ही वापस आ गया। लेकिन सीरिया पार करते हुए अकस्मात उसकी मृत्यु हो गई।[1]
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