शीरीं फ़रहाद: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
'''शीरीं फ़रहाद''' एक प्रसिद्ध प्रेमकथा है। [[फ़ारस]] की पृष्ठभूमि में जन्मी इस कहानी का पात्र फ़रहाद एक शिल्पकार था, जो राजकुमारी शीरीं से बेइंतहा मुहब्बत करता था, लेकिन राजकुमारी इस प्रेम से अनभिज्ञ थी। निराश फ़रहाद पहाड़ों में जाकर रहने लगा और बांसुरी पर राजकुमारी की प्रशंसा में धुनें बजाने लगा। जब यह बात शीरीं को मालूम हुई तो वह फ़रहाद से मिली और उसके प्रेम में गिरफ़्त हो गई। शीरीं के पिता और राजा नहीं चाहते थे कि उनकी बेटी एक आम आदमी से शादी करे। आखिर उन्होंने अपनी बेटी के सामने शर्त रखी कि यदि फ़रहाद पहाड़ों के बीच चट्टानों में नहर खोद दे तो वह शीरीं का [[विवाह]] उससे कर देंगे। यह बेहद मुश्किल कार्य था, लेकिन फ़रहाद ने नहर खोदनी शुरू की। उसकी अथक मेहनत देखकर राजा को लगा कि कहीं फ़रहाद अपना लक्ष्य प्राप्त न कर ले। नहर पूरी होने को थी, घबराए हुए राजा ने अपने दरबारियों से बेटी के विवाह की खातिर मशविरा करना चाहा। उनके वजीर ने सलाह दी कि किसी बूढी स्त्री को फ़रहाद के पास भेजें और यह संदेश दें कि राजकुमारी की मौत हो चुकी है। तब एक बूढी स्त्री फ़रहाद के पास पहुंची और जोर-जोर से रोने लगी। फ़रहाद ने उससे रोने का कारण पूछा तो बुढिया ने कहा, तुम जिसके लिए अपने शरीर को खटा रहे हो-वह तो मर चुकी है। यह सुनकर फ़रहाद को सदमा पहुंचा और उसने अपने औजारों से खुद को मार लिया, नहर बन चुकी थी, मगर पानी की जगह उसमें फ़रहाद का लहू बह रहा था। फ़रहाद की मौत की खबर सुनकर शीरीं ने भी खुद को ख़त्म कर लिया। इस तरह एक प्रेम कहानी असमय मौत की गोद में सो गई।
[[चित्र:Shirin-Farhad.jpg|thumb|250pxl|शीरीं फ़रहाद]]
'''शीरीं फ़रहाद''' ([[अंग्रेजी]]; Shirin Farhad) एक प्रसिद्ध प्रेमकथा है। [[फ़ारस]] की पृष्ठभूमि में जन्मी इस कहानी का पात्र फ़रहाद एक शिल्पकार था, जो राजकुमारी शीरीं से बेइंतहा मुहब्बत करता था, लेकिन राजकुमारी इस प्रेम से अनभिज्ञ थी।  
 
===प्रेमकथा===
आर्मेनिया के बादशाह की पुत्री शीरी बेइंतहा खूबसूरत थी। उसकी तस्वीर देखकर ही पर्शिया के बादशाह खुसरो उस पर फिदा हो गए थे। उन्होंने अपने सिपहसालार को शीरी के सामने शादी का प्रस्ताव लेकर भिजवाया। खुसरो का प्रस्ताव शीरी ने मान तो लिया साथ ही शर्त भी रख दी कि वह पर्शिया के लोगों तथा उसके लिए [[दूध]] का दरिया लाकर दे दे। नहर खुदवाने का काम जिस शख्स को सौंपा गया वह था फरहाद। इस बीच खुसरो ने शीरी से निकाह कर लिया था
खुसरो ने फरहाद को बुलवाया और शीरी से मिलवाया ताकि उसकी सलाह पर फरहाद नहर की खुदाई कर सके। शीरी को देखते ही फरहाद उसका दीवाना हो गया। नहर खोदते-खोदते फरहाद शीरी के नाम की रट लगाने लगा। एक दिन जब शीरी वहाँ आई तो फरहाद ने उसके कदमों पर झुकते हुए अपने प्रेम का इजहार किया, लेकिन शीरी ने उसे झिड़क दिया।<ref name="aa"/>
 
लेकिन प्रेम हार कहाँ मानता है। शीरी का नाम लेते-लेते फरहाद ने समय से पहले नहर तो खोद डाली, लेकिन वह शीरी के इश्क में दीवाना हो गया। जब खुसरो को इसकी जानकारी मिली तो वह आगबबूला हो गया। लेकिन फरहाद ने बिना डरे दिल की बात कह डाली कि मैं शीरी की मोहब्बत में इतना दीवाना हो गया हूँ कि अपने दिलो दिमाग पर नियंत्रण ही नहीं रहा। इस पर खुसरो ने तलवार से उसे मारना चाहा तो उसके वजीर ने रोक लिया और सलाह दी कि यदि वह अपनी मेहनत से पहाड़ियों के आर-पार सड़क बना देगा तो शीरी से उसका निकाह कर दिया जाएगा। वह जानता था कि फरहाद यह नहीं कर पाएगा। लेकिन दीवाने फरहाद ने यह शर्त स्वीकार कर ली। सड़क बनाते-बनाते फरहाद ने खाना-पीना छोड़ दिया।<ref name="aa">{{cite web |url=http://hindi.webdunia.com/love-stories/%E0%A4%85%E0%A4%AE%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%AE-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%81-%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A6-%E0%A4%85%E0%A4%AE%E0%A4%B0-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%AE%E0%A5%80-%E0%A4%B6%E0%A5%80%E0%A4%B0%E0%A5%80-%E0%A4%AB%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A6-107080800027_1.htm|title= अमर प्रेम की दिलाएँ याद : अमर प्रेमी शीरी-फरहाद  |accessmonthday= 15 जुलाई|accessyear= 2017|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=hindi.webdunia.com|language=हिन्दी}}</ref>
 
उसकी बेइंतहा मोहब्बत ने आखिर शीरी का दिल जीत लिया। इस बीच सड़क पूरी होते देख खुसरो घबराया। उसने फरहाद के पास यह झूठी खबर पहुँचा दी कि शीरी ने आत्महत्या कर ली। यह सुनते ही फरहाद दीवारों से सिर पटक-पटककर चिल्लाने लगा और अपने सिर पर कुल्हाड़ी मारकर दम तोड़ दिया। जब शीरी को फरहाद की मौत की खबर सुनाई गई तो वह दौड़कर उस जगह पहुँची जहाँ फरहाद ने दम तोड़ा था। और जब उसे खुसरो के छल का पता चला तो उसने महल में लौटने से इनकार कर दिया और फरहाद के कदमों पर दम तोड़ दिया। इन दो अमर प्रेमियों को एक साथ दफन किया गया। ये भले ही दुनिया से कूच कर गए हों, लेकिन इनकी मोहब्बत आज भी जिंदा है और कयामत तक जिंदा रहेगी।<ref name="aa"/>





Revision as of 10:53, 15 July 2017

thumb|250pxl|शीरीं फ़रहाद शीरीं फ़रहाद (अंग्रेजी; Shirin Farhad) एक प्रसिद्ध प्रेमकथा है। फ़ारस की पृष्ठभूमि में जन्मी इस कहानी का पात्र फ़रहाद एक शिल्पकार था, जो राजकुमारी शीरीं से बेइंतहा मुहब्बत करता था, लेकिन राजकुमारी इस प्रेम से अनभिज्ञ थी।

प्रेमकथा

आर्मेनिया के बादशाह की पुत्री शीरी बेइंतहा खूबसूरत थी। उसकी तस्वीर देखकर ही पर्शिया के बादशाह खुसरो उस पर फिदा हो गए थे। उन्होंने अपने सिपहसालार को शीरी के सामने शादी का प्रस्ताव लेकर भिजवाया। खुसरो का प्रस्ताव शीरी ने मान तो लिया साथ ही शर्त भी रख दी कि वह पर्शिया के लोगों तथा उसके लिए दूध का दरिया लाकर दे दे। नहर खुदवाने का काम जिस शख्स को सौंपा गया वह था फरहाद। इस बीच खुसरो ने शीरी से निकाह कर लिया था खुसरो ने फरहाद को बुलवाया और शीरी से मिलवाया ताकि उसकी सलाह पर फरहाद नहर की खुदाई कर सके। शीरी को देखते ही फरहाद उसका दीवाना हो गया। नहर खोदते-खोदते फरहाद शीरी के नाम की रट लगाने लगा। एक दिन जब शीरी वहाँ आई तो फरहाद ने उसके कदमों पर झुकते हुए अपने प्रेम का इजहार किया, लेकिन शीरी ने उसे झिड़क दिया।[1]

लेकिन प्रेम हार कहाँ मानता है। शीरी का नाम लेते-लेते फरहाद ने समय से पहले नहर तो खोद डाली, लेकिन वह शीरी के इश्क में दीवाना हो गया। जब खुसरो को इसकी जानकारी मिली तो वह आगबबूला हो गया। लेकिन फरहाद ने बिना डरे दिल की बात कह डाली कि मैं शीरी की मोहब्बत में इतना दीवाना हो गया हूँ कि अपने दिलो दिमाग पर नियंत्रण ही नहीं रहा। इस पर खुसरो ने तलवार से उसे मारना चाहा तो उसके वजीर ने रोक लिया और सलाह दी कि यदि वह अपनी मेहनत से पहाड़ियों के आर-पार सड़क बना देगा तो शीरी से उसका निकाह कर दिया जाएगा। वह जानता था कि फरहाद यह नहीं कर पाएगा। लेकिन दीवाने फरहाद ने यह शर्त स्वीकार कर ली। सड़क बनाते-बनाते फरहाद ने खाना-पीना छोड़ दिया।[1]

उसकी बेइंतहा मोहब्बत ने आखिर शीरी का दिल जीत लिया। इस बीच सड़क पूरी होते देख खुसरो घबराया। उसने फरहाद के पास यह झूठी खबर पहुँचा दी कि शीरी ने आत्महत्या कर ली। यह सुनते ही फरहाद दीवारों से सिर पटक-पटककर चिल्लाने लगा और अपने सिर पर कुल्हाड़ी मारकर दम तोड़ दिया। जब शीरी को फरहाद की मौत की खबर सुनाई गई तो वह दौड़कर उस जगह पहुँची जहाँ फरहाद ने दम तोड़ा था। और जब उसे खुसरो के छल का पता चला तो उसने महल में लौटने से इनकार कर दिया और फरहाद के कदमों पर दम तोड़ दिया। इन दो अमर प्रेमियों को एक साथ दफन किया गया। ये भले ही दुनिया से कूच कर गए हों, लेकिन इनकी मोहब्बत आज भी जिंदा है और कयामत तक जिंदा रहेगी।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 1.2 अमर प्रेम की दिलाएँ याद : अमर प्रेमी शीरी-फरहाद (हिन्दी) hindi.webdunia.com। अभिगमन तिथि: 15 जुलाई, 2017।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख