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भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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-वाल्टेयर
-वाल्टेयर
-जॉन मिल्टन
-जॉन मिल्टन
||लास्की का कहना है "डी टाकविले और लॉर्ड एक्टन के मस्तिष्क में स्वतंत्रता के प्रति उत्कृष्ट अभिलाषा होने के कारण ही उनके द्वारा स्वतंत्रता और समानता को परस्पर विरोधी समझा गया किंतु यह एक गलत निष्कर्ष है। उनके द्वारा समानता का तात्पर्य गलत रूप से लेने के कारण ही ऐसा किया गया है।" इस तरह लास्की ने स्वतंत्रता और समानता को एक-दूसरे का पूरक बताया है। लार्ड ऐक्टन अपने दृष्टिकोण में परिवर्तन लाते है। तब इन्होंने लिखा है कि, "विरोधाभाष यह है कि समानता और स्वतंत्रता जो कि परस्पर विरोधी विचार के में प्रारंभ होते हैं, विश्लेषण करने पर एक-दूसरे के लिए आवश्यक हो जाते हैं। यह सत्य है कि समानता के अर्थ की उचित व्याख्या स्वतंत्रता के संदर्भ में की जा सकती है।
||लास्की का कहना है "डी टाकविले और लॉर्ड एक्टन के मस्तिष्क में स्वतंत्रता के प्रति उत्कृष्ट अभिलाषा होने के कारण ही उनके द्वारा स्वतंत्रता और समानता को परस्पर विरोधी समझा गया किंतु यह एक गलत निष्कर्ष है। उनके द्वारा समानता का तात्पर्य गलत रूप से लेने के कारण ही ऐसा किया गया है।" इस तरह लास्की ने स्वतंत्रता और समानता को एक-दूसरे का पूरक बताया है।


{"शक्ति भ्रष्ट करती है और असीमित शक्ति असीमित रूप से भ्रष्ट करती है।" यह कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-75,प्रश्न-69
{"शक्ति भ्रष्ट करती है और असीमित शक्ति असीमित रूप से भ्रष्ट करती है।" यह कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-75,प्रश्न-69
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||साधारण विधेयक के संदर्भ में [[संसद]] के दोनों सदनों में असहमति की स्थिति में [[राष्ट्रपति]] द्वारा संविधान के अनुच्छेद 108 के तहत दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाई जा सकती है जिसकी अध्यक्षता अनुच्छेद 118 (4) के तहत लोक सभाध्यक्ष (Speaker) करता है।
||साधारण विधेयक के संदर्भ में [[संसद]] के दोनों सदनों में असहमति की स्थिति में [[राष्ट्रपति]] द्वारा संविधान के अनुच्छेद 108 के तहत दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाई जा सकती है जिसकी अध्यक्षता अनुच्छेद 118 (4) के तहत लोक सभाध्यक्ष (Speaker) करता है।


{भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत राज्य सभा, विशेष बहुमत द्वारा राज्य सूची के किसी विषय पर संसद को कानून बनाने के लिए अधिकृत कर सकती है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-145,प्रश्न-56
{भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत [[राज्य सभा]], विशेष बहुमत द्वारा राज्य सूची के किसी विषय पर [[संसद]] को कानून बनाने के लिए अधिकृत कर सकती है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-145,प्रश्न-56
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-अनुच्छेद 247
-अनुच्छेद 247
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+राज्य के द्वारा नियोजन हो
+राज्य के द्वारा नियोजन हो
||समाजवाद राज्य द्वारा आर्थिक नियोजन का पक्षधर है। पूंजीवाद का विरोधी दर्शन होने के नाते समाजवाद भूमि,  उद्योग तथा उत्पादन के साधनों पर सामाजिक स्वामित्व (राज्य द्वारा स्वामित्व) की वकालत करता है। समाजवादियों के अनुसार वैयक्तिक उद्योग एक वैक्तिक लूटमार है। ब्लैचफोर्ड के अनुसार" भूमि तथा उत्पादन के सभी साधनों को राष्ट्रीय संपत्ति बना दो सभी खेतों, खानों जहाजों, रेलों को राष्ट्रीय नियंत्रण में रख दो। बस व्यावहारिक समाजवाद पूरा हो जायेगा।"
||समाजवाद राज्य द्वारा आर्थिक नियोजन का पक्षधर है। पूंजीवाद का विरोधी दर्शन होने के नाते समाजवाद भूमि,  उद्योग तथा उत्पादन के साधनों पर सामाजिक स्वामित्व (राज्य द्वारा स्वामित्व) की वकालत करता है। समाजवादियों के अनुसार वैयक्तिक उद्योग एक वैक्तिक लूटमार है। ब्लैचफोर्ड के अनुसार" भूमि तथा उत्पादन के सभी साधनों को राष्ट्रीय संपत्ति बना दो सभी खेतों, खानों जहाजों, रेलों को राष्ट्रीय नियंत्रण में रख दो। बस व्यावहारिक समाजवाद पूरा हो जायेगा।"
{निम्न में से कौन विकेंद्रित समाजवाद के प्रबल समर्थक थे? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-62,प्रश्न-65
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-जय प्रकाश नारायण
-आचार्य नरेंद्र देव
+डॉ. राम मनोहर लोहिया
-आचार्य विनोबा भावे
||डॉ. राम मनोहर लोहिया विकेंद्रीकृत समाजवाद के समर्थक थे। पूंजी के संचय तथा बढ़ती हुई बेकारी को रोकने के लिए लोहिया ने छोटी मशीनी पर आधारित उद्योग का समर्थन किया। लोहिया प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण के भी समर्थक थे उन्होंने चौखंभा राज्य की कल्पना की। जिसके अंतर्गत गांव, मण्डल (जिला), प्रांत तथा केंद्रीय सरकार इसके चार स्तंभ होगें। 'Wheel of History' इनकी प्रमुख रचना है।


{मैक्स वेबर, दुर्खीम और पेरेटो को राजनीतिशास्त्र के किस उपागम से जोड़ा जाता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-77,प्रश्न-79
{मैक्स वेबर, दुर्खीम और पेरेटो को राजनीतिशास्त्र के किस उपागम से जोड़ा जाता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-77,प्रश्न-79
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||मैकाइवर ने अपनी पुस्तक 'माडर्न स्टेट' (Modern State) में बहुलवादी विचारधारा का पक्षपोषण किया है। इनके अनुसार, राज्य समाज के अन्य अनेक संस्थाओं में से केवल एक संस्था है। यद्यपि इसके कार्य अनोखे ढंग के हैं। राज्य में एक निगम की सभी अनिवार्य विशेषताएं हैं। उसकी सीमाएं उसके अधिकार क्षेत्र उसकी जिम्मेदारियां सभी निश्चित हैं। निगम की तरह राज्य के भी अधिकार और कर्त्तव्य हैं। ज्ञातव्य है कि लास्की भी राज्य को सामाजिक समंवय करने वाली संस्था या 'सार्वजनिक सेवा निगम' की संज्ञा देते हैं।
||मैकाइवर ने अपनी पुस्तक 'माडर्न स्टेट' (Modern State) में बहुलवादी विचारधारा का पक्षपोषण किया है। इनके अनुसार, राज्य समाज के अन्य अनेक संस्थाओं में से केवल एक संस्था है। यद्यपि इसके कार्य अनोखे ढंग के हैं। राज्य में एक निगम की सभी अनिवार्य विशेषताएं हैं। उसकी सीमाएं उसके अधिकार क्षेत्र उसकी जिम्मेदारियां सभी निश्चित हैं। निगम की तरह राज्य के भी अधिकार और कर्त्तव्य हैं। ज्ञातव्य है कि लास्की भी राज्य को सामाजिक समंवय करने वाली संस्था या 'सार्वजनिक सेवा निगम' की संज्ञा देते हैं।


{बेनेडिक्ट एंडर्सन ने राष्ट्र की कौन-सी विशेषता बताई है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-74,प्रश्न-59
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-एक प्रतिदिन के जनमत संग्रह के रूप में
+एक कल्पित समुदाय के रूप में
-हमारे युग के भ्रम के रूप में
-एक सामाजिक संविदा के रूप में
||बेनेडीक्ट एंडर्सन ने राष्ट्र को एक कल्पित समुदाय के रूप में वर्णित किया है।
{इनमें से किसने कहा था कि राज्य का उद्देश्य स्वतंत्रता और समानता दोनों है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-87,प्रश्न-26
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+लास्की
-क्रासलैण्ड
-हीगल
-ग्रीन
||लास्की ने स्वतंत्रता व समानता को एक-दूसरे का पूरक मानते हुए कहा है कि "राज्य का उद्देश्य स्वतंत्रता और समानता दोनों है।" इस संबंध में यह कहा जा सकता है कि यदि हम वास्तविक समानता चाहते हैं तो हमें स्वतंत्रता और समानता को संतुलित अर्थों में ग्रहण करना होगा। स्वतंत्रता और समानता दोनों का ही उद्देश्य मानवीय व्यक्तित्व का उच्चतम विकास है।
{निम्न में तनाव शैथिल्य का निर्धारक तत्त्व कौन नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-75,प्रश्न-70
|type="()"}
-दितांत संबंध पारस्पतिक राष्ट्रीय हितों की पूर्ति करते थे
-आणविक आतंक और आणविक युद्ध का भय
-शीतयुद्ध का समरसतापूर्ण वातावरण
+राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में बुनियादी परिवर्तन
||तनाव शैथिल्य के लिए राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में बुनियादी अंतर नहीं हुआ बल्कि 1960 के दशक के आरंभ से ही दोनों महाशक्तियां यह अनुभव करने लगी थीं कि शीत युद्ध दोनों के लिए यदि हानिकारक नहीं है तो लाभप्रद भी नहीं है। आर्थिक, राजनीतिक और सैनिक संबंधों में उन्हें एक-दूसरे की कहीं न कहीं आवश्यकता हो जाती थी। अतएव अपने संबंध सुधारने की दृष्टि से दोनों ने तनाव में लचीलापन परिलक्षित किया। इस प्रक्रिया में 'देतांत' अर्थात 'तनाव-शैथिल्य' का युग आरंभ हुआ।
{भारत के राष्ट्रपति संविधान के किस अनुच्छेद द्वारा किसी राज्य के विधायी अधिकार संसद को सौंप सकते हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-146,प्रश्न-57
|type="()"}
-अनुच्छेद 256
+अनुच्छेद 356
-अनुच्छेद 456
-अनुच्छेद 328
||भारत के राष्ट्रपति भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 (1) (ख) के द्वारा राज्य विधानमंडल की शक्तियां संसद को सौंप सकते हैं। अनुच्छेद 356 के तहत यदि किसी राज्य के राज्यपाल के द्वारा राष्ट्रपति को यह लिखित सूचना प्रदान की जाए कि उस राज्य में शासन तंत्र विफल हो गया है तथा शासन संविधान के अनुरूप नहीं चलाया जा रहा है तो राष्ट्रपति उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर देगा और राज्य की सभी प्राधिकारी सक्तियां अपने हाथों में ले लेगा।
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
.भारतीय संविधान में राष्ट्रपति को तीन प्रकार की आपातकालीन शक्तियां प्राप्त हैं- (i)राष्ट्रीय आपातकाल (अनुच्छेद 352), (ii) राज्यों में राष्ट्रपति शासन (अनुच्छेद 356) तथा (iii)वित्तीय आपात (अनुच्छेद 360)।
{संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति की जाती है-(नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-156,प्रश्न-115
|type="()"}
-प्रधानमंत्री द्वारा
-लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष द्वारा
-गृह मंत्री द्वारा
+राष्ट्रपति द्वारा
||भारतीय संविधान के अनु. 315 के अनुसार, संघ के लिए एक लोक सेवा आयोग तथा प्रत्येक राज्य के लिए लोक सेवा आयोग होगा। अनुच्छेद 316 (1) के अनुसार, संघ लोक सेवा आयोग या संयुक्त लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है और राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति राज्यपात्र द्वारा की जाती है।
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
.दो या अधिक राज्य एक संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग रख सकते हैं और संसद उनकी प्रार्थना पर संयुक्त आयोग की स्थापना कर सकती है।
.यदि किसी राज्य का राज्यपाल संघ के लोक सेवा आयोग से राज्य की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कार्य करने की प्रार्थना करे तो राष्ट्रपति के अनुमोदन से संघ लोक सेवा आयोग राज्यों के लिए भी कार्य कर सकता है।


{समाजवादी राज्य को निम्न में से किस रूप में समझते हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-62,प्रश्न-66
|type="()"}
-राज्य एक आवश्यक बुराई है।
-राज्य अनावश्यक बुराई है।
+राज्य कल्याणकारी संस्था है।
-राज्य एक अच्छी संस्था है।


||समाजवादियों के अनुसार राज्य एक कल्याणकारी संस्था है। इनके अनुसार व्यक्तिवादी पुलिस राज्य समाज की पूरी भलाई नहीं कर सकता समाजवादी राज्य के कार्यक्षेत्र को व्यापक करना चाहते हैं ये गरीबों, मजदूरों, असहायों के हित में राज्य को कल्याणकारी कार्य सौंपते है। अर्थात ये राज्य के कल्याणकारी स्वरूप को मानते हैं।
{इनमें से कौन-सी अवधारणा मैक्स वेबर ने दिया है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-77,प्रश्न-80
|type="()"}
-संसदीय वर्चस्ववाद
-लोकतांत्रिक अभिजनवाद
-नैतिक संप्रभुता
+चमत्कारी नेतृत्व
||मैक्स वेबर ने चमत्कारी नेतृत्व की अवधारणा को दिया था।
{यह सिद्धांत किसने प्रस्तुत किया है कि 'नव उपनिवेशवाद साम्राज्यवाद की अंतिम अवस्था है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-58,प्रश्न-40
|type="()"}
+नकुमा
-लेनिन
-जे.ए. हॉब्सन
-एरिक फ्रॉम
||नव उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद की अंतिम अवस्था है। यह कथन नकुमा का है। नकुमा (Kwame Nkrumag) घाना के प्रथम प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति थे। घाना ने इन्हीं के नेतृत्व में 1957 में ब्रिटिश से आजादी प्राप्त की थी। नक्रुमा रूप के क्रांन्तिकारी लेनिन के अनुयायी थे। इन्हें अफ्रीका का लेनिन भी कहा जाता है। लेनिन की भांति इन्होंने भी अपनी पुस्तक का नाम नव उपनिवेशवाद: साम्राज्यवाद की अंतिम अवस्था रखा। ज्ञातव्य है कि लेनिन ने उपनिवेशवाद को साम्राज्यवाद का उच्चतम चरण कहा है।
{श्रेणी समाजवाद समर्थन करता है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-60,प्रश्न-51
|type="()"}
-एक व्यक्ति, दो मत
-एक व्यक्ति, एक मत
+एक व्यक्ति, जितने हित-उतने मत
-उपर्युक्त में से कोई नहीं
||श्रेणी समाजवाद का विकास ब्रिटेन में हुआ। इसके अनुसार, राज्य संप्रभु होगा, सभी शक्तियों का स्त्रोत होगा किंतु वह उसका उपभोग नहीं करेगा वरन् शक्तियों का प्रयोग विभिन्न आर्थिक श्रेणियां करेंगी। श्रेणी समाजवादी व्यावसायिक प्रतिनिधित्व की मांग करते हैं।
{निम्न में से कौन विकेंद्रित समाजवाद के प्रबल समर्थक थे? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-62,प्रश्न-65
|type="()"}
-जय प्रकाश नारायण
-आचार्य नरेंद्र देव
+डॉ. राम मनोहर लोहिया
-आचार्य विनोबा भावे
||डॉ. राम मनोहर लोहिया विकेंद्रीकृत समाजवाद के समर्थक थे। पूंजी के संचय तथा बढ़ती हुई बेकारी को रोकने के लिए लोहिया ने छोटी मशीनी पर आधारित उद्योग का समर्थन किया। लोहिया प्रशासनिक विकेन्द्रीकरण के भी समर्थक थे उन्होंने चौखंभा राज्य की कल्पना की। जिसके अंतर्गत गांव, मण्डल (जिला), प्रांत तथा केंद्रीय सरकार इसके चार स्तंभ होगें। 'Wheel of History' इनकी प्रमुख रचना है।
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Revision as of 12:31, 10 November 2017

1 निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सही हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-13,प्रश्न-50

'मनुष्यों का सामूहिक भाईचारा'- काण्ट
'राज्य की उच्चतर तार्किकता'- बोसांके
'राज्य समुदायों का समुदाय'- ग्रीन
'मनुष्य का प्राकृतिक अधिकार'- लॉक

2 "राजनीतिक दल ही देश में तानाशाही के उदय से हमारी रक्षा का सबसे बड़ा साधन हैं।" यह किसने कहा है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-73,प्रश्न-58

मैकाइवर
फाइनर
ब्राइस
लास्की

3 "समानता स्वतंत्रता की तरह एक ही चीज नही है। मैं लॉर्ड एक्टन के इस कथन से सहमत नहीं हूं कि समानता की उत्कृष्ट अभिलाषा के कारण स्वतंत्रता की आशा ही व्यर्थ हो गई है।" यह किसका कथन है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-87,प्रश्न-25

मैजिनी
लास्की
वाल्टेयर
जॉन मिल्टन

4 "शक्ति भ्रष्ट करती है और असीमित शक्ति असीमित रूप से भ्रष्ट करती है।" यह कथन किसका है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-75,प्रश्न-69

लॉर्ड एक्टन
लॉर्ड ब्राइस
लॉर्ड बेकन
लॉर्ड रोजर एक्विनास

5 भारतीय संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक किस संबंध में आहूत होती है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-145,प्रश्न-55

संविधान संशोधन विधेयक
वित्त विधेयक
भारत के उप-राष्ट्रपति का निर्वाचन
साधारण विधेयक

6 भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के अंतर्गत राज्य सभा, विशेष बहुमत द्वारा राज्य सूची के किसी विषय पर संसद को कानून बनाने के लिए अधिकृत कर सकती है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-145,प्रश्न-56

अनुच्छेद 247
अनुच्छेद 248
अनुच्छेद 249
अनुच्छेद 250

7 भारत में मान्यता-प्राप्त राष्ट्रीय पार्टी कौन नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-156,प्रश्न-114

मार्क्सवादी (साम्यवादी) पार्टी
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (इ) पार्टी
समाजवादी पार्टी
बहुजन समाज पार्टी

8 समाजवाद निम्न का प्रतिपादन करता है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-62,प्रश्न-64

कोई आर्थिक नियोजन न हो
बहुराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा आर्थिक नियोजन हो
व्यक्तियों द्वारा आर्थिक नियोजन हो
राज्य के द्वारा नियोजन हो

9 मैक्स वेबर, दुर्खीम और पेरेटो को राजनीतिशास्त्र के किस उपागम से जोड़ा जाता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-77,प्रश्न-79

दार्शनिक
आर्थिक
आध्यात्मिक
समाजशास्त्रीय

10 "अब तक सभी समाजों का इतिहास वर्ग-संघर्षों का इतिहास है।" यह कथन है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-57,प्रश्न-39

मार्क्स का
लेनिन का
स्टालिन का
माओ का

11 ऐसी शासन व्यवस्था जिसमें संपत्ति व उत्पादन के साधन पर शासन का नियंत्रण होगा, व्यक्तिगत संपत्ति समाप्त होगी व समाज शोषण-मुक्त होगा- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-60,प्रश्न-50

फॉसीवाद
अराजकतावाद
आदर्शवाद
समाजवाद

12 "राज्य का स्वरूप मूलत: निगम के समान है।" यह कथन है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-13,प्रश्न-51

लास्की का
मार्क्स का
मैकाइवर का
डुग्वी का

13 बेनेडिक्ट एंडर्सन ने राष्ट्र की कौन-सी विशेषता बताई है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-74,प्रश्न-59

एक प्रतिदिन के जनमत संग्रह के रूप में
एक कल्पित समुदाय के रूप में
हमारे युग के भ्रम के रूप में
एक सामाजिक संविदा के रूप में

14 इनमें से किसने कहा था कि राज्य का उद्देश्य स्वतंत्रता और समानता दोनों है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-87,प्रश्न-26

लास्की
क्रासलैण्ड
हीगल
ग्रीन

15 निम्न में तनाव शैथिल्य का निर्धारक तत्त्व कौन नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-75,प्रश्न-70

दितांत संबंध पारस्पतिक राष्ट्रीय हितों की पूर्ति करते थे
आणविक आतंक और आणविक युद्ध का भय
शीतयुद्ध का समरसतापूर्ण वातावरण
राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में बुनियादी परिवर्तन

16 भारत के राष्ट्रपति संविधान के किस अनुच्छेद द्वारा किसी राज्य के विधायी अधिकार संसद को सौंप सकते हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-146,प्रश्न-57

अनुच्छेद 256
अनुच्छेद 356
अनुच्छेद 456
अनुच्छेद 328

17 संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति की जाती है-(नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-156,प्रश्न-115

प्रधानमंत्री द्वारा
लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष द्वारा
गृह मंत्री द्वारा
राष्ट्रपति द्वारा

18 समाजवादी राज्य को निम्न में से किस रूप में समझते हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-62,प्रश्न-66

राज्य एक आवश्यक बुराई है।
राज्य अनावश्यक बुराई है।
राज्य कल्याणकारी संस्था है।
राज्य एक अच्छी संस्था है।

19 इनमें से कौन-सी अवधारणा मैक्स वेबर ने दिया है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-77,प्रश्न-80

संसदीय वर्चस्ववाद
लोकतांत्रिक अभिजनवाद
नैतिक संप्रभुता
चमत्कारी नेतृत्व

20 यह सिद्धांत किसने प्रस्तुत किया है कि 'नव उपनिवेशवाद साम्राज्यवाद की अंतिम अवस्था है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-58,प्रश्न-40

नकुमा
लेनिन
जे.ए. हॉब्सन
एरिक फ्रॉम

21 श्रेणी समाजवाद समर्थन करता है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-60,प्रश्न-51

एक व्यक्ति, दो मत
एक व्यक्ति, एक मत
एक व्यक्ति, जितने हित-उतने मत
उपर्युक्त में से कोई नहीं

22 निम्न में से कौन विकेंद्रित समाजवाद के प्रबल समर्थक थे? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-62,प्रश्न-65

जय प्रकाश नारायण
आचार्य नरेंद्र देव
डॉ. राम मनोहर लोहिया
आचार्य विनोबा भावे