प्रयोग:दीपिका3: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
No edit summary
No edit summary
Line 5: Line 5:
|
|
<quiz display=simple>
<quiz display=simple>
{[[भारत]] एक गणतंत्रात्मक राज्य है, क्योंकि- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-100,प्रश्न-5
|type="()"}
+उसमें राज्याध्यक्ष निर्वाचित किया जाता है
-यह कई राज्यों तथा शासित क्षेत्रों का यूनियन है
- उपर्युक्त में से दोनों
-उपर्युक्त में से कोई नहीं
||गणतंत्र का आशय है कि राष्ट्र का प्रधान निर्वाचित (प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष) होता है। वह वंशानुगत नहीं हो सकता है।


{कानून का सर्वमान्य स्त्रोत है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-99,प्रश्न-3
{निम्नलिखित में से किस देश में एकदलीय पद्धति है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-105,प्रश्न-4
|type="()"}
|type="()"}
-परम्परा तथा रीति-रिवाज
-[[भारत]]
-[[धर्म]]
-[[फ्रांस]]
-कानूनी टीकाएं
+[[चीन]]
+[[विधान मंडल]]
-[[अमेरिका]]
||कानून का सर्वमान्य स्त्रोत [[विधानमंडल]] है। [[भारत]] के [[संविधान]] के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर पर [[संसद]] सर्वोच्च विधायी निकाय है। संविधान की सातवीं अनुसूची में संघ तथा समवर्ती सूचियों में इसके लिए आवंटित अनेक विषयों पर यह विधान बना सकती है। अवशिष्ट शक्ति चूंकि संसद में निहित है, अत: यह उन विषयों पर भी विधान बना सकती है जो विशिष्टता राज्यों को न सौंपे गए हों।
||चीन में साम्यवादी शासन प्रणाली है जिसके अंतर्गत एकदलीय व्यवस्था विद्यमान है। चीन की साम्यवादी पार्टी को 'कम्युनिस्ट पार्टी ओफ़ चाइना' कहते हैं। यह विश्व की सबसे पुरानी कम्युनिस्ट पार्टी है जो वर्तमान में कार्यरत है। इसके अतिरिक्त भारत में बहुदलीय दल प्रणाली पाई जाती है। संयुक्त राज्य अमेरिका में द्विदलीय दल प्रणाली पाई जाती है। चीन व अन्य साम्यवादी देशों में एकदलीय दल पद्धति पाई जाती है।


{निम्न में किसमें राजनैतिक दल भाग नहीं लेते हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-105,प्रश्न-3
{निम्न देशों में से किसने एक ही प्रयास में सार्वभौम मताधिकार अपनाया? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-109,प्रश्न-1
|type="()"}
|type="()"}
-शासन
-यू.के.
-विधि-निर्माण
+[[भारत]]
+प्रदत्त विधि-निर्माण
-यू.एस.ए.
-[[निर्वाचन आयोग|निर्वाचन]]
-[[चीन]]
||राजनीतिक दलों के कार्यों में प्रदत्त विधि निर्माण या प्रत्यायुक्त विधायन का कार्य नहीं आता है। राजनीतिक दलों के कार्यों में मुख्यत: चुनावों में प्रतिभाग करना, नीति निर्माण करना, नेताओं की भर्ती एवं प्रशिक्षण करना, सरकार चलाना, विपक्ष की भूमिका निभाना, जनमत का निर्माण करना, हित प्रकटीकरण एवं समूहन और राजनीतिक समाजीकरण शामिल है।
||अनुच्छेद 326 के अनुसार, [[लोक सभा]] और प्रत्येक राज्य की विधान सभा के लिए निर्वाचन वयस्क मताधिकार के आधार पर होंगे अर्थात प्रत्येक व्यक्ति, जो भारत का नागरिक है और ऐसी तारीख को, जो समुचित [[विधान मंडल]] द्वारा बनाई गई किसी विधि द्वारा या उसके अधीन इस निमित्त नियत की जाए, कम से कम 18 वर्ष आयु का है और इस [[संविधान]] या समुचित विधान मंडल द्वारा बनाई गई किसी विधि के अधीन अनिवास, चित्तविकृति, अपराध या भ्रष्ट या अवैध आचरण के आधार पर अन्यथा निरर्हित नहीं कर दिया जाता है, ऐसे किसी निर्वाचन में मतदाता के रूप में रजिस्ट्रीकृत होने का हकदार होगा।
 


{"[[भारत के राजनीतिक दल|राजनीतिक दल]] जनतंत्र से कहीं अधिक प्राचीन हैं।" यह किसने कहा है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-109,प्रश्न-33
{अभिप्रेरणा का एक अत्यधिक लोकप्रिय सिद्धांत है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-132,प्रश्न-25
|type="()"}
|type="()"}
-लास्की
-कीथ डेविस का सिद्धांत
+ब्राइस
+मैस्लो का आवश्यकता सोपान सिद्धांत
-लॉवेल
-फ्रेडरिक टेलर का वैज्ञानिक प्रबंध सिद्धांत
-बर्क
-मैकफाइरलैंड का सिद्धांत
||जेम्स ब्राइस ने अपनी पुस्तक 'मॉडर्न डेमोक्रेसीज' के भाग एक के नौवें अध्याय की पहली पंक्ति में उल्लेख किया है कि "[[भारत के राजनीतिक दल|राजनीतिक दल]] जनतंत्र से कहीं अधिक प्राचीन हैं।"
||वर्ष 1938 में अब्राहम मैस्लो ने 'अभिप्रेरणा' शब्द का आधुनिक अर्थ प्रस्तुत किया था। मेस्लों का आवश्यकता सोपान सिद्धांत, अभिप्रेरणा का एक लोकप्रिय सिद्धांत है। [[ 1943|वर्ष 1943]] में मैस्लों ने अपने एक लेख 'A Tteoty of  Human Motivation' के द्वारा यह सिद्ध किया कि मनुष्य की आवश्यकता अनंत है, अत: उन्हें एक साथ संतुष्ट नहीं किया जा सकता है।


{इनमें से किसने नौकरशाही की परिभाषा दी थी? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-132,प्रश्न-23
{[[राष्ट्रपति]] शासन के लिए संसद का अनुमोदन कितनी अवधि के भीतर प्राप्त किया जाना चाहिए? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-139,प्रश्न-14
|type="()"}
|type="()"}
+[[मैक्स वेबर]]
+2 माह
-वुडरो विल्सन
-6 माह
-साइमन
-1 वर्ष
-इनमें से कोई नहीं
-अवधि निश्चित नहीं
||[[संविधान]] के अनुच्छेद 356 (1) के तरत [[राष्ट्रपति]] राज्य के [[राज्यपाल]] से प्रतिवेदन मिलने पर या अन्यथा उसे इस बात का समाधान हो जाता है कि राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है जिससे उस राज्य का शासन संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता तो राष्ट्रपति उद्घोषणा उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकता है। अनुच्छेद 356 (3) के अनुसार इस उद्घोषणा को संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखी जाएगी और वह 2 माह की समाप्ति पर प्रवर्तन में नहीं रहेगी यदि उस अवधि की समाप्ति से पहले [[संसद]] के दोनों सदनों के संकल्पों द्वारा उसका अनुमोदन नहीं कर दिया जाता।


{[[भारतीय संसद]] के दो पत्रों में कितना अंतर होता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-139,प्रश्न-13
{भारतीय संसद की किस समिति को 'संसद की तीसरी आंख' कहा गया है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-173,प्रश्न-204
|type="()"}
|type="()"}
-एक माह
-प्राक्कलन समिति
-तीन माह
+लोक सेवा समिति
-नौ माह
-लोक उद्यम समिति
+छ: माह
-नियम समिति
||अनुच्छेद 85(1) के अनुसार संसद के प्रत्येक सदन के एक सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के बीच 6 माह से अधिक का अंतर नहीं होगा। इस प्रकार एक वर्ष में कम से कम 2 बार बैठक होना अनिवार्य है।
||[[भारतीय संसद]] की 'लोक लेखा समिति' को 'संसद की तीसरी आंख' कहा जाता है।


{किस [[संविधान]] संशोधन द्वारा मंत्रियों की संख्या [[लोक सभा]] की कुल संख्या की 15% निश्चित की गई? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-173,प्रश्न-203
|type="()"}
-[[संविधान संशोधन- 89वाँ|89वाँ संशोधन]]
-[[संविधान संशोधन- 90वाँ|90वाँ संशोधन]]
+[[संविधान संशोधन- 91वाँ|91वाँ संशोधन]]
-[[संविधान संशोधन- 92वाँ|92वाँ संशोधन]]
||91वां संविधान संशोधन द्वारा अनुच्छेद 75 एवं अनुच्छेद 164 में संशोधन करके मंत्रिपरिषद के आकार को निर्धारित कर दिया गया है। अब केंद्र तथा राज्य में मंत्रियों की संख्या [[लोक सभा]] एवं [[विधान सभा]] की कुल सदस्य संख्या के 15% से अधिक नहीं हो सकती।


{[[ग्राम पंचायत]] अपने सभी कार्यों के लिए- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-186,प्रश्न-3
{[[भारत]] में स्वतंत्रता प्राति के पश्चात पहला वित्त निगम था- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-186,प्रश्न-4
|type="()"}
|type="()"}
-सरपंच के प्रति उत्तरदायी है।
-जीवन वीमा निगम
+ग्राम सभा के प्रति उत्तरदायी है।
-इंडियन एयरलाइंस कॉर्पेरेशन
-क्षेत्र समिति के प्रति उत्तरदायी है।
+पुनर्वास वित्त निगम
-ज़िलाधिकारी के प्रति उत्तरदायी है।
-इंडियन इंटनेनेशनल
||ग्राम पंचायत अपने सभी कार्यों के लिए ग्राम सभा के प्रति उत्तरदायी होती है। [[संविधान संशोधन- 73वाँ|73वें संविधान]] संशोधन अधिनियम द्वारा ग्राम सभा को संवैधानिक दर्जा दिया गया है। किसी ग्राम की निर्वाचक नामावली में दर्जा दिया गया है। किसी ग्राम की निर्वाचक नामावली में दर्ज नामों वाले व्यक्तियों को सामूहिक रूप से ग्राम सभा कहा जाता है। ग्राम पंचायत ग्राम सभा की कार्यकारी संस्था है तथा ग्राम सभा, ग्राम पंचायत के कार्य का निरीक्षण तथा मूल्यांकन करती है
||भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात स्थापित पहला निगम 'पुनर्वास एवं वित्त निगम' था। इसकी स्थापना [[1948|वर्ष 1948]] में हुई थी। इसके अतिरिक्त विकल्पों में दिए गए जीवन बीमा निगम का स्थापना [[1956|वर्ष 1956]], इंडियन एयर लाइंस कॉर्पोरेशन का स्थापना वर्ष 1953 तथा इंडिया इंटरनेशनल का स्थापना वर्ष 1953 था।


{'धर्मनिरपेक्षता' से क्या तात्पर्य है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-189,प्रश्न-3
{'मंडल आयोग' का संबंध है: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-189,प्रश्न-4
|type="()"}
|type="()"}
-धर्म की राजनीति से पृथकता
+पिछड़ी जाति
-धार्मिक स्वतंत्रता
-अनुसूचित जाति
+राज्य का कोई धर्म न होना
-अनुसूचित जनजाति
-धार्मिक समानता
-उपरोक्त सभी से
||'धर्मनिरपेक्षता' से तात्पर्य है- 'राज्य का अपना कोई धर्म नहीं होना'। राज्य न तो किसी धर्म विशेष से संबंधित होता है न उसमें हस्तक्षेप करता है और न किसी धर्म की उन्नति के लिए कोई सहायता ही देता है।
||[[बिहार]] के पूर्व [[मुख्यमंत्री]] बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल की अध्यक्षता में द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन अन् 1979 में किया गय। मंडल आयोग ने अपनी रिपोर्ट 1980 में प्रस्तुत की। [[आयोग]] ने जाति को पिछड़ेपन का आधार मानते हुए सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक पिछड़ेपन के 11 मापदंड प्रस्तुत किए। इस आयोग की सिफारिश पर ही 27% आरक्षण का प्रावधान पिछड़े वर्गों के लिए किया गया।


{अधिकार संबंधी सबसे पुराना सिद्धांत क्या है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-91,प्रश्न-14
{शक्ति और प्राधिकार में निर्मेदक तत्त्व क्या है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-91,प्रश्न-15
|type="()"}
|type="()"}
-नैतिक
-संप्रभुता
+प्राकृतिक
+वैधता
-ऐतिहासिक
-श्रेष्ठता
-कानूनी
-उपयोगिता
||शाक्ति और प्राधिकार में प्रमुख निर्भेदक तत्व वैधता होती है। जब शक्ति को वैधता प्राप्त होती है, तब वह प्राधिकार या सत्ता का रूप धारणा अर लेती है।


{सहयोगी संघवाद का उदाहरण है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-97,प्रश्न-4
{भारतीय और अमेरिकी संघवाद में जिस एक बिंदु पर समानता पाई जाती है, वह है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-97,प्रश्न-5
|type="()"}
|type="()"}
+[[अमेरिका]]
-अवशिष्ट शक्तियों का केंद्र के पास होना
-नाइजीरिया
-अवशिष्ट शक्तियों का राज्य के पास होना
-स्विट्ज़रलैंड
-कुछ विषयो में समवर्ती अधिकार का होना
-कनाडा
+केंद्र और राज्य के बीच विवाद होने पर [[सर्वोच्च न्यायालय]] का पंचायत करना।
 
||भारतीय एवं अमेरिकी संघवाद में केंद्र एवं राज्य के मध्य विवाद होने पर [[सर्वोच्च न्यायालय]] द्वारा उसे सुलझाया जाता है।


</quiz>
</quiz>
|}
|}
|}
|}

Revision as of 11:51, 22 November 2017

1 भारत एक गणतंत्रात्मक राज्य है, क्योंकि- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-100,प्रश्न-5

उसमें राज्याध्यक्ष निर्वाचित किया जाता है
यह कई राज्यों तथा शासित क्षेत्रों का यूनियन है
उपर्युक्त में से दोनों
उपर्युक्त में से कोई नहीं

2 निम्नलिखित में से किस देश में एकदलीय पद्धति है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-105,प्रश्न-4

भारत
फ्रांस
चीन
अमेरिका

3 निम्न देशों में से किसने एक ही प्रयास में सार्वभौम मताधिकार अपनाया? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-109,प्रश्न-1

यू.के.
भारत
यू.एस.ए.
चीन

4 अभिप्रेरणा का एक अत्यधिक लोकप्रिय सिद्धांत है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-132,प्रश्न-25

कीथ डेविस का सिद्धांत
मैस्लो का आवश्यकता सोपान सिद्धांत
फ्रेडरिक टेलर का वैज्ञानिक प्रबंध सिद्धांत
मैकफाइरलैंड का सिद्धांत

5 राष्ट्रपति शासन के लिए संसद का अनुमोदन कितनी अवधि के भीतर प्राप्त किया जाना चाहिए? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-139,प्रश्न-14

2 माह
6 माह
1 वर्ष
अवधि निश्चित नहीं

6 भारतीय संसद की किस समिति को 'संसद की तीसरी आंख' कहा गया है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-173,प्रश्न-204

प्राक्कलन समिति
लोक सेवा समिति
लोक उद्यम समिति
नियम समिति

7 भारत में स्वतंत्रता प्राति के पश्चात पहला वित्त निगम था- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-186,प्रश्न-4

जीवन वीमा निगम
इंडियन एयरलाइंस कॉर्पेरेशन
पुनर्वास वित्त निगम
इंडियन इंटनेनेशनल

8 'मंडल आयोग' का संबंध है: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-189,प्रश्न-4

पिछड़ी जाति
अनुसूचित जाति
अनुसूचित जनजाति
उपरोक्त सभी से

9 शक्ति और प्राधिकार में निर्मेदक तत्त्व क्या है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-91,प्रश्न-15

संप्रभुता
वैधता
श्रेष्ठता
उपयोगिता

10 भारतीय और अमेरिकी संघवाद में जिस एक बिंदु पर समानता पाई जाती है, वह है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-97,प्रश्न-5

अवशिष्ट शक्तियों का केंद्र के पास होना
अवशिष्ट शक्तियों का राज्य के पास होना
कुछ विषयो में समवर्ती अधिकार का होना
केंद्र और राज्य के बीच विवाद होने पर सर्वोच्च न्यायालय का पंचायत करना।