प्रयोग:दीपिका3: Difference between revisions
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||चीन में साम्यवादी शासन प्रणाली है जिसके अंतर्गत एकदलीय व्यवस्था विद्यमान है। चीन की साम्यवादी पार्टी को 'कम्युनिस्ट पार्टी | ||चीन में साम्यवादी शासन प्रणाली है जिसके अंतर्गत एकदलीय व्यवस्था विद्यमान है। चीन की साम्यवादी पार्टी को 'कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ चाइना' कहते हैं। यह विश्व की सबसे पुरानी कम्युनिस्ट पार्टी है जो वर्तमान में कार्यरत है। इसके अतिरिक्त भारत में बहुदलीय दल प्रणाली पाई जाती है। [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] में द्विदलीय दल प्रणाली पाई जाती है। [[चीन]] व अन्य साम्यवादी देशों में एकदलीय दल पद्धति पाई जाती है। | ||
{निम्न देशों में से किसने एक ही प्रयास में सार्वभौम मताधिकार अपनाया? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-109,प्रश्न-1 | {निम्न देशों में से किसने एक ही प्रयास में [[सार्वभौम मताधिकार]] अपनाया? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-109,प्रश्न-1 | ||
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-यू.के. | -[[संयुक्त राज्य अमेरिका|यू.के.]] | ||
+[[भारत]] | +[[भारत]] | ||
-यू.एस.ए. | -[[ब्रिटेन|यू.एस.ए]]. | ||
-[[चीन]] | -[[चीन]] | ||
||अनुच्छेद 326 के अनुसार, [[लोक सभा]] और प्रत्येक राज्य की विधान सभा के लिए निर्वाचन वयस्क मताधिकार के आधार पर होंगे अर्थात प्रत्येक व्यक्ति, जो भारत का नागरिक है और ऐसी तारीख को, जो समुचित [[विधान मंडल]] द्वारा बनाई गई किसी विधि द्वारा या उसके अधीन इस निमित्त नियत की जाए, कम से कम 18 वर्ष आयु का है और इस [[संविधान]] या समुचित विधान मंडल द्वारा बनाई गई किसी विधि के अधीन अनिवास, चित्तविकृति, अपराध या भ्रष्ट या अवैध आचरण के आधार पर अन्यथा निरर्हित नहीं कर दिया जाता है, ऐसे किसी निर्वाचन में मतदाता के रूप में रजिस्ट्रीकृत होने का हकदार होगा। | ||अनुच्छेद 326 के अनुसार, [[लोक सभा]] और प्रत्येक राज्य की विधान सभा के लिए निर्वाचन वयस्क मताधिकार के आधार पर होंगे अर्थात प्रत्येक व्यक्ति, जो भारत का नागरिक है और ऐसी तारीख को, जो समुचित [[विधान मंडल]] द्वारा बनाई गई किसी विधि द्वारा या उसके अधीन इस निमित्त नियत की जाए, कम से कम 18 वर्ष आयु का है और इस [[संविधान]] या समुचित विधान मंडल द्वारा बनाई गई किसी विधि के अधीन अनिवास, चित्तविकृति, अपराध या भ्रष्ट या अवैध आचरण के आधार पर अन्यथा निरर्हित नहीं कर दिया जाता है, ऐसे किसी निर्वाचन में मतदाता के रूप में रजिस्ट्रीकृत होने का हकदार होगा। | ||
{अभिप्रेरणा का एक अत्यधिक लोकप्रिय सिद्धांत है | {अभिप्रेरणा का एक अत्यधिक लोकप्रिय सिद्धांत क्या है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-132,प्रश्न-25 | ||
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-कीथ डेविस का सिद्धांत | -कीथ डेविस का सिद्धांत | ||
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-फ्रेडरिक टेलर का वैज्ञानिक प्रबंध सिद्धांत | -फ्रेडरिक टेलर का वैज्ञानिक प्रबंध सिद्धांत | ||
-मैकफाइरलैंड का सिद्धांत | -मैकफाइरलैंड का सिद्धांत | ||
||वर्ष 1938 में अब्राहम मैस्लो ने 'अभिप्रेरणा' शब्द का आधुनिक अर्थ प्रस्तुत किया था। मेस्लों का आवश्यकता सोपान सिद्धांत, अभिप्रेरणा का एक लोकप्रिय सिद्धांत है। [[ 1943|वर्ष 1943]] में मैस्लों ने अपने एक लेख 'A | ||[[1938|वर्ष 1938]] में अब्राहम मैस्लो ने 'अभिप्रेरणा' शब्द का आधुनिक अर्थ प्रस्तुत किया था। मेस्लों का आवश्यकता सोपान सिद्धांत, अभिप्रेरणा का एक लोकप्रिय सिद्धांत है। [[ 1943|वर्ष 1943]] में मैस्लों ने अपने एक लेख 'A Theory of Human Motivation' के द्वारा यह सिद्ध किया कि मनुष्य की आवश्यकता अनंत है, अत: उन्हें एक साथ संतुष्ट नहीं किया जा सकता है। | ||
{[[राष्ट्रपति]] शासन के लिए संसद का अनुमोदन कितनी अवधि के भीतर प्राप्त किया जाना चाहिए? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-139,प्रश्न-14 | {[[राष्ट्रपति]] शासन के लिए [[संसद]] का अनुमोदन कितनी अवधि के भीतर प्राप्त किया जाना चाहिए? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-139,प्रश्न-14 | ||
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+2 माह | +2 माह | ||
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||[[संविधान]] के अनुच्छेद 356 (1) के तरत [[राष्ट्रपति]] राज्य के [[राज्यपाल]] से प्रतिवेदन मिलने पर या अन्यथा उसे इस बात का समाधान हो जाता है कि राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है जिससे उस राज्य का शासन संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता तो राष्ट्रपति उद्घोषणा उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकता है। अनुच्छेद 356 (3) के अनुसार इस उद्घोषणा को संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखी जाएगी और वह 2 माह की समाप्ति पर प्रवर्तन में नहीं रहेगी यदि उस अवधि की समाप्ति से पहले [[संसद]] के दोनों सदनों के संकल्पों द्वारा उसका अनुमोदन नहीं कर दिया जाता। | ||[[संविधान]] के अनुच्छेद 356 (1) के तरत [[राष्ट्रपति]] राज्य के [[राज्यपाल]] से प्रतिवेदन मिलने पर या अन्यथा उसे इस बात का समाधान हो जाता है कि राज्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गयी है जिससे उस राज्य का शासन संविधान के उपबंधों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता तो राष्ट्रपति उद्घोषणा उस राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर सकता है। अनुच्छेद 356 (3) के अनुसार इस उद्घोषणा को संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष रखी जाएगी और वह 2 माह की समाप्ति पर प्रवर्तन में नहीं रहेगी यदि उस अवधि की समाप्ति से पहले [[संसद]] के दोनों सदनों के संकल्पों द्वारा उसका अनुमोदन नहीं कर दिया जाता। | ||
{भारतीय संसद की किस समिति को 'संसद की तीसरी आंख' कहा गया है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-173,प्रश्न-204 | {[[भारतीय संसद]] की किस समिति को 'संसद की तीसरी आंख' कहा गया है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-173,प्रश्न-204 | ||
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-प्राक्कलन समिति | -प्राक्कलन समिति | ||
+लोक | +लोक लेखा समिति | ||
-लोक उद्यम समिति | -लोक उद्यम समिति | ||
-नियम समिति | -नियम समिति | ||
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{[[भारत]] में स्वतंत्रता प्राति के पश्चात पहला वित्त निगम था- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-186,प्रश्न-4 | {[[भारत]] में स्वतंत्रता प्राति के पश्चात पहला वित्त निगम था- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-186,प्रश्न-4 | ||
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-जीवन | -जीवन बीमा निगम | ||
-इंडियन एयरलाइंस कॉर्पेरेशन | -इंडियन एयरलाइंस कॉर्पेरेशन | ||
+पुनर्वास वित्त निगम | +पुनर्वास वित्त निगम | ||
-इंडियन | -इंडियन इंटरनेशनल | ||
||भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात स्थापित पहला निगम 'पुनर्वास एवं वित्त निगम' था। इसकी स्थापना [[1948|वर्ष 1948]] में हुई थी। इसके अतिरिक्त विकल्पों में दिए गए जीवन बीमा निगम का स्थापना [[1956|वर्ष 1956]], इंडियन एयर लाइंस कॉर्पोरेशन का स्थापना वर्ष 1953 तथा इंडिया इंटरनेशनल का स्थापना वर्ष 1953 था। | ||भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात स्थापित पहला निगम 'पुनर्वास एवं वित्त निगम' था। इसकी स्थापना [[1948|वर्ष 1948]] में हुई थी। इसके अतिरिक्त विकल्पों में दिए गए जीवन बीमा निगम का स्थापना [[1956|वर्ष 1956]], इंडियन एयर लाइंस कॉर्पोरेशन का स्थापना [[1953|वर्ष 1953]] तथा इंडिया इंटरनेशनल का स्थापना वर्ष 1953 था। | ||
{'मंडल आयोग' का संबंध है: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-189,प्रश्न-4 | {'मंडल आयोग' का संबंध है: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-189,प्रश्न-4 | ||
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-अनुसूचित जनजाति | -अनुसूचित जनजाति | ||
-उपरोक्त सभी से | -उपरोक्त सभी से | ||
||[[बिहार]] के पूर्व [[मुख्यमंत्री]] बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल की अध्यक्षता में द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन | ||[[बिहार]] के पूर्व [[मुख्यमंत्री]] बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल की अध्यक्षता में द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन सन् 1979 में किया गया। मंडल आयोग ने अपनी रिपोर्ट 1980 में प्रस्तुत की। [[आयोग]] ने जाति को पिछड़ेपन का आधार मानते हुए सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक पिछड़ेपन के 11 मापदंड प्रस्तुत किए। इस आयोग की सिफारिश पर ही 27% आरक्षण का प्रावधान पिछड़े वर्गों के लिए किया गया। | ||
{शक्ति और प्राधिकार में निर्मेदक तत्त्व क्या है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-91,प्रश्न-15 | {शक्ति और प्राधिकार में निर्मेदक तत्त्व क्या है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-91,प्रश्न-15 | ||
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-श्रेष्ठता | -श्रेष्ठता | ||
-उपयोगिता | -उपयोगिता | ||
|| | ||शक्ति और प्राधिकार में प्रमुख निर्भेदक तत्व वैधता होती है। जब शक्ति को वैधता प्राप्त होती है, तब वह प्राधिकार या सत्ता का रूप धारण कर लेती है। | ||
{भारतीय और अमेरिकी संघवाद में जिस एक बिंदु पर समानता पाई जाती है, वह है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-97,प्रश्न-5 | {भारतीय और अमेरिकी संघवाद में जिस एक बिंदु पर समानता पाई जाती है, वह है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-97,प्रश्न-5 | ||
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-अवशिष्ट शक्तियों का केंद्र के पास होना | -अवशिष्ट शक्तियों का केंद्र के पास होना | ||
-अवशिष्ट शक्तियों का राज्य के पास होना | -अवशिष्ट शक्तियों का राज्य के पास होना | ||
-कुछ | -कुछ विषयों में समवर्ती अधिकार का होना | ||
+केंद्र और राज्य के बीच विवाद होने पर [[सर्वोच्च न्यायालय]] का पंचायत करना। | +केंद्र और राज्य के बीच विवाद होने पर [[सर्वोच्च न्यायालय]] का पंचायत करना। | ||
||भारतीय एवं अमेरिकी संघवाद में केंद्र एवं राज्य के मध्य विवाद होने पर [[सर्वोच्च न्यायालय]] द्वारा उसे सुलझाया जाता है। | ||भारतीय एवं अमेरिकी संघवाद में केंद्र एवं राज्य के मध्य विवाद होने पर [[सर्वोच्च न्यायालय]] द्वारा उसे सुलझाया जाता है। | ||
{संसदीय सरकार का सबसे महत्त्वपूर्ण लक्षण है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-100,प्रश्न-6 | |||
|type="()"} | |||
-[[संसद]] का संप्रभुता | |||
+कार्यपालिका का विधायिका के प्रति सामूहिक उत्तरदायित्व | |||
-विधि का शासन | |||
-बहुमत का शासन | |||
||संसदीय सरकार का सबसे महत्त्वपूर्ण लक्षण कार्यपालिका का विधायिका के प्रति सामूहिक उत्तरदायित्व है। अनुच्छेद 75 (3) के अनुसार, मंत्रिपरिषद लोक सभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायित्व होती है। | |||
{निम्न में से कौन-सा राजनीतिक दल का आवश्यक तत्व नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-105,प्रश्न-5 | |||
|type="()"} | |||
-संगठन | |||
+विदेशों द्वारा मान्यता | |||
-सामान्य सिद्धांतों में सहमति | |||
-संवैधानिक साधनों में विश्वास | |||
||विदेशों द्वारा मान्यता राजनीतिक दल का आवश्यक तत्व नहीं है। | |||
{एकल संक्रमणीय मत प्रणाली का सर्वप्रथम प्रतिपादन करने वाले राजनीतिक चिंतक का नाम है- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-109,प्रश्न-2 | |||
|type="()"} | |||
-जे.एस. मिल | |||
+थॉमस हेयर | |||
-डेविस ईस्टन | |||
-लुसियन पाई | |||
||एकल संक्रमणीय मत प्रणाली का सर्वप्रथम अविष्कार 'थामस राइट हिल' किया। डेनमार्क में इस प्रणाली का सर्वप्रथम प्रयोग चुनावों में किया गया। लेकिन 'एकल संक्रमणीय मत प्रणाली' (Single Transfer-able Vote System- STV) का सर्वप्रथम व्यवस्थित प्रतिपादन करने वाले राजनीतिक चिंतक ब्रिटिश विधिवेत्ता थॉमस हेयर थे जिन्होंने इसका प्रतिपादन अपनी पुस्तक 'द मशीनरी ऑफ रिप्रेजेंटेशन' में सन् 1857 में किया। इन्होंने 'आनुपातिक प्रतिनिधित्व' की प्रणाली का भी सर्वप्रथम प्रतिपादन किया जिसे 'हेयर प्रणाली' भी कहा जाता है। यह प्रणाली अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्व प्रदान करने की उत्तम व्यवस्था है। | |||
{भारत के योजना आयोग और रेलवे को प्रमुख तौर पर क्रमश: क्या माना जाएगा? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-133,प्रश्न-26 | |||
|type="()"} | |||
-वित्तीय और संचार संस्था | |||
-पूर्ण और अपूर्ण स्टॉफ | |||
+स्टॉफ और सूत्र संस्था | |||
-पूर्ण और अपूर्ण सूत्र संस्था | |||
||भारत के योजना और रेलवे के क्रमश: स्टॉफ और सूत्र संस्था माना जा सकता है। मुख्य कार्यपालिका को सहायता तथा परामर्श उपलब्ध कराने के संबंध में दो प्रकार के प्रशासनिक अभिकरण कार्य करते हैं- | |||
1.सूत्र अभिकरण 2.स्टाफ अभिकरण | |||
मुख्य कार्यपालिका या सरकार की नीतियों/ निर्णयों का क्रियान्वयन सूत्र अभिकरण ही करते है जो शीर्ष स्तर से चलकर निम्नतर स्तर या कर्मचारी तक आती है। सरकार के मंत्रालय या विभाग जैसे- कृषि मंत्रालय, शिक्षा विभाग आदि सूत्र अधिकरण है। कर्मचारी या मंत्रणा या स्टॉफ अभिकरण का संबंध उन सेवाओं से है जो परामर्श या सहायता के रूप में मुख्य कार्यपालिका को दी जाती हैं। भारत में प्रधानमंत्री कार्यालय, योजना आयोग या मंत्रिमंडल सचिवालय आदि स्टॉफ अभिकरण की श्रेणी में आते हैं। | |||
{लोक सभा में दिए गए सभी भाषण और अभ्युक्तियां किसे संबोधियां की जाती हैं? (नागरिक शास्त्र,पृ.सं- 139,प्रश्न-15 | |||
|type="()"} | |||
-भारत के राष्ट्रपति | |||
-प्रधामंत्री | |||
+अध्यक्ष | |||
-संबंधित | |||
||संविधान के अनुच्छेद 93 में उपबंधित है कि लोक सभा यथाशीघ्र अपने दो सदस्यों को अपना अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष चुनेगी और जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का पद रिक्त होगा तब लोक सभा किसी अन्य सदस्य को अध्यक्ष या उपाध्यक्ष चुनेगी। सदन के कार्य का संचालन शांत एवं व्यवस्थित ढंग से सुनिश्चित करने के लिए अध्यक्ष को बहुत शक्तियां प्राप्त हैं। लोक सभा में दिए गए सभी भाषण और अभ्युक्तियां अध्यक्ष को संबोधित की जाती हैं। | |||
{भारतीय संसदीय शासन प्रणाली में मंत्रिमंडल किसके प्रति उत्तरदायी होता है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-173,प्रश्न-205 | |||
|type="()"} | |||
-राष्ट्रपति के प्रति | |||
+लोक सभा के प्रति | |||
-राज्य सभा के प्रति | |||
-सर्वोच्च न्यायालय के प्रति | |||
||मंत्रिमंडल, (Cabinet), मंत्रिपरिषद (Council of Ministers) की एक छोटी इकाई है। हमारे संविधान में 'मंत्रिमंडल' शब्द का उल्लेख अनुच्छेद 352 (3) में किया गया है। ब्रिटेन की परंपरा के अनुसार हमारे यहां भी मंत्रिमंडल का अस्तित्व चला आ रहा है। यह हमारी सांविधानिक प्रणाली का एक आवश्यक अंग बन गया है। मंत्रिमंडल नीति-निर्धारण करने वाली सर्वोच्च संस्था है। चूंकि संसदीय प्रणाली समूहिक उत्तरायित्व के आधार पर कार्य करती है, अत: अनुच्छेद 75 (3) के अंतर्गत यह उत्तरदायित्व लोक सभा (निम्न सदन) के प्रति होता है। | |||
{सामान्यत: ग्राम पंचायत उत्तरदायी नहीं है इसके लिए- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-186,प्रश्न-5 | |||
|type="()"} | |||
-ग्राम की सड़कों और तालाबों का निर्माण | |||
-स्वच्छता, प्रसूति और बाल कल्याण | |||
+कृषकों को वित्त देना | |||
-कृषि उत्पादन | |||
||संविधान का अनु.243 (छ) पंचायतों की शक्तियों, प्राधिकार तथा उत्तरदित्व संबंधी प्रावधान करता है। 11 वीं अनुसूची में ग्राम की सड़कों और तालाबों का निर्माण, स्वच्छता, प्रसूति और बाल कल्याण, कृषि उत्पादन आदि हेतु ग्राम पंचायतों को उत्तरदायी बनाया गया है जबकि कृषकों को वित्त देना इस अनुसूची में वर्णित नहीं है। | |||
{'मंडल आयोग' गठित किया गया था: (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-189,प्रश्न-5 | |||
|type="()"} | |||
-सन 1953 ई. में | |||
-सन 1982 ई. में | |||
-सन 1980 ई. में | |||
+सन 1979 ई. में | |||
||वर्ष 1979 ई. में मोरारजी देसाई की जनता पार्टी सरकार ने द्वितीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन संसद सदस्य बी.पी. मंडल की अध्यक्षमता में किया। आयोग ने अपनी रिपोर्ट 1980 में प्रस्तुत की और 3743 जातियों की पहचान की जो सामाजिक एवं शैक्षणिक आधार पर छिपड़ी थीं। ज्ञातव्य है कि 1952 में काका कालेलकर की अध्यक्षता में प्रथम पिछड़ा वर्ग आयोग गठित किया गया। इसने अपनी रिपोर्ट 1955 में प्रस्तुत की। | |||
{निम्न में से कौन एक अधिकार का लक्षण नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-91,प्रश्न-16 | |||
|type="()"} | |||
-कल्याणकारी स्वरूप | |||
-लोकहित में प्रयोग | |||
-राज्य का संरक्षण | |||
+समाज का संरक्षण | |||
||अधिकार की सामान्य धारणा के आधार पर अधिकार के निम्नलिखित आवश्यक लक्षण कहे जा सकते हैं- | |||
1.सामाजिक स्वरूप, 2.कल्याणकारी स्वरूप, 3.लोकहित में प्रयोग, 4.राज्य का संरक्षण 5.सार्वभौतिकता या सर्वव्यापकता। अत: स्पष्ट है कि 'समाज का संरक्षण' अधिकार का लक्षण नहीं है। | |||
{निम्नलिखित में से किस देश का संविधान एक संघीय दृष्टांत का नहीं है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-97,प्रश्न-6 | |||
|type="()"} | |||
-संयुक्त राज्य अमेरिका | |||
-स्विट्जरलैंड | |||
-ऑस्ट्रेलिया | |||
+ग्रेट ब्रिटेन | |||
||ग्रेट ब्रिटेन में एकात्मक शासन प्रणाली है। ब्रिटेन में समस्त शक्तियां केंद्र में निहित हैं। इसके विपरीत संयुक्त राज्य अमेरिका, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया तथा भारत में संघात्मक शासन प्रणाली है। | |||
{संसदीय सरकार में कार्यपालिका की वास्तविक शक्तियां किसमें निहित हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-100,प्रश्न-1 | |||
|type="()"} | |||
-प्रधानमंत्री | |||
-संसद | |||
+मंत्रिपरिषद | |||
-राष्ट्रपति | |||
||संसदीय सरकार में कार्यपालिका की वास्तविक शक्तियां प्रधानमंत्री को अध्यक्षता वाली मंत्रिपरिषद के पास होती हैं। भारतीय संविधान के अनु.74 में उल्लिखित है कि राष्ट्रपति को सहायता एवं सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी जिसका प्रधान, प्रधानमंत्री होगा प्रधानमंत्री के चायन तथा नियुक्ति के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 75 में उल्लेख है। | |||
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Revision as of 11:30, 23 November 2017
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