Template:एक व्यक्तित्व: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
{| style="background:transparent; width:100%"
<h4>एक व्यक्तित्व</h4>
|+style="text-align:left; padding-left:10px; font-size:18px"|<font color="#003366">एक व्यक्तित्व</font>
<div class="hamariaapki-new headbg34">
|-
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}}
[[चित्र:Omkarnath-thakur.jpg|right|120px|link=ओंकारनाथ ठाकुर|border]]
[[चित्र:Omkarnath-thakur.jpg|right|120px|link=ओंकारनाथ ठाकुर|border]]
<poem>
<poem>
Line 8: Line 6:
</poem>
</poem>
<center>
<center>
{| style="margin:0; background:transparent" cellspacing="3"
{|  
|-
|-
| [[एक व्यक्तित्व|पिछले लेख]] →
| [[एक व्यक्तित्व|पिछले लेख]] →
| [[जे. आर. डी. टाटा]]  
| [[जे. आर. डी. टाटा]]  
| [[आर. के. लक्ष्मण]]  
| [[आर. के. लक्ष्मण]]  
|}</center>
|}
|}<noinclude>[[Category:एक व्यक्तित्व के साँचे]]</noinclude>
</center>
</div>
<noinclude>[[Category:एक व्यक्तित्व के साँचे]]</noinclude>

Revision as of 14:18, 22 February 2018

एक व्यक्तित्व

right|120px|link=ओंकारनाथ ठाकुर|border

        पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर भारत के प्रसिद्ध संगीतज्ञ एवं हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायक थे। इनका सम्बन्ध ग्वालियर घराने से था। पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर का जितना प्रभावशाली व्यक्तित्व था उतना ही असरदार उनका संगीत भी था। एक बार महात्मा गाँधी ने उनका गायन सुन कर टिप्पणी की थी- “पण्डित जी अपनी मात्र एक रचना से जन-समूह को इतना प्रभावित कर सकते हैं, जितना मैं अपने अनेक भाषणों से भी नहीं कर सकता।” पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर की कालजयी रचनाओं में एक महत्त्वपूर्ण रचना है, ‘वन्देमातरम्...’। बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय की यह अमर रचना, स्वतंत्र भारत के प्रथम सूर्योदय पर पण्डित जी के स्वरों से अलंकृत होकर आकाशवाणी द्वारा प्रसारित हुई थी। आगे चल कर ‘वन्देमातरम्...’ गीत के आरम्भिक दो अन्तरों को भारत की संविधान सभा ने राष्ट्रगीत के समकक्ष मान्यता प्रदान की थी। ... और पढ़ें

पिछले लेख जे. आर. डी. टाटा आर. के. लक्ष्मण