अबीअथार: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
'''अबीअथार'''<ref>पुरानी पोथी के अनुसार अहीमेलक का बेटा</ref> - नाव का पुरोहित। दोएगा के हत्याकांड में अबीअथार अकेले जान बचाकर भागा। भागकर वह दाऊद के पास गया। दाऊद की खानाबदोशी में और उसके शासनकाल में अबीअथार बराबर उसके साथ रहा। अब्सलोम के विद्रोह के समय वह दाऊद के प्रति वफादार रहा, किंतु सुलेमान के विरुद्ध उसने अदोनीजा का समर्थन किया। इसी अपराध में वह निर्वासित कर दिया गया। [[जेरुसलम|जुरूसलम]] के राजुरोहित परिवार जादोक का अबीअथार प्रतिस्पर्धी प्रतीत होता है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=166 |url=}}</ref>
'''अबीअथार'''<ref>पुरानी पोथी के अनुसार अहीमेलक का बेटा</ref> - नाव का पुरोहित। दोएगा के हत्याकांड में अबीअथार अकेले जान बचाकर भागा। भागकर वह दाऊद के पास गया। दाऊद की खानाबदोशी में और उसके शासनकाल में अबीअथार बराबर उसके साथ रहा। अब्सलोम के विद्रोह के समय वह दाऊद के प्रति वफादार रहा, किंतु सुलेमान के विरुद्ध उसने अदोनीजा का समर्थन किया। इसी अपराध में वह निर्वासित कर दिया गया। [[जेरुसलम|जेरुसलम]] के राजुरोहित परिवार जादोक का अबीअथार प्रतिस्पर्धी प्रतीत होता है।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=166 |url=}}</ref>





Revision as of 10:17, 7 January 2020

अबीअथार[1] - नाव का पुरोहित। दोएगा के हत्याकांड में अबीअथार अकेले जान बचाकर भागा। भागकर वह दाऊद के पास गया। दाऊद की खानाबदोशी में और उसके शासनकाल में अबीअथार बराबर उसके साथ रहा। अब्सलोम के विद्रोह के समय वह दाऊद के प्रति वफादार रहा, किंतु सुलेमान के विरुद्ध उसने अदोनीजा का समर्थन किया। इसी अपराध में वह निर्वासित कर दिया गया। जेरुसलम के राजुरोहित परिवार जादोक का अबीअथार प्रतिस्पर्धी प्रतीत होता है।[2]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. पुरानी पोथी के अनुसार अहीमेलक का बेटा
  2. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 166 |