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1. आश्रय या उपाय का अभाव, आवश्यकता। | |||
2. प्रवेश न होना (शा. और आलं.)।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=07|url=|ISBN=}}</ref> | 2. प्रवेश न होना (शा. और आलं.)।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=07|url=|ISBN=}}</ref> |
Latest revision as of 06:53, 4 August 2023
अगतिः (स्त्रीलिंग) [न. त.]
1. आश्रय या उपाय का अभाव, आवश्यकता।
2. प्रवेश न होना (शा. और आलं.)।[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 07 |
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