अर्थ्य: Difference between revisions
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::5. समझदार, बुद्धिमान्- | ::5. समझदार, बुद्धिमान्-'''र्थ्यम्''' गेरु<ref>{{पुस्तक संदर्भ|पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, [[नई दिल्ली]]-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=107|url=|ISBN=}}</ref> | ||
Latest revision as of 06:21, 9 November 2023
अर्थ्य (विशेषण) [अर्थ+ण्यत्]
- 1. जिससे सर्वप्रथम याचना की जाए
- 2. योग्य, उचित
- 3. उपयुक्त, आशय से इधर-उधर न होने वाला, सार्थक-स्तुत्यं स्तुति-भिरर्थ्याभिरुपतस्थे सरस्वती-रघु. 4/6, कु. 2/3
- 4. धनी, दौलतमंद
- 5. समझदार, बुद्धिमान्-र्थ्यम् गेरु[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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