उत्तरायण: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('*उत्तरायण शब्द 'उत्तर' एवं 'अयन' इन दो शब्दों से बना है...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
No edit summary |
||
Line 2: | Line 2: | ||
*'अयन' का अर्थ होता है चलना। | *'अयन' का अर्थ होता है चलना। | ||
*सूर्य के उत्तर दिशा में अयन अर्थात गमन को उत्तरायन कहा जाता है। | *सूर्य के उत्तर दिशा में अयन अर्थात गमन को उत्तरायन कहा जाता है। | ||
*आधे वर्ष तक सूर्य, आकाश के उत्तर गोलार्ध में रहता है। | |||
*उत्तरायन के छह महीनों में सूर्य मकर से मिथुन तक भ्रमण करते हैं। | *उत्तरायन के छह महीनों में सूर्य मकर से मिथुन तक भ्रमण करते हैं। | ||
*उत्तरायन काल को प्राचीन ऋषि मुनियों ने पराविद्याओं, जप, तप, सिद्धि प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण माना है। | *उत्तरायन काल को प्राचीन ऋषि मुनियों ने पराविद्याओं, जप, तप, सिद्धि प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण माना है। |
Revision as of 12:47, 18 September 2010
- उत्तरायण शब्द 'उत्तर' एवं 'अयन' इन दो शब्दों से बना है।
- 'अयन' का अर्थ होता है चलना।
- सूर्य के उत्तर दिशा में अयन अर्थात गमन को उत्तरायन कहा जाता है।
- आधे वर्ष तक सूर्य, आकाश के उत्तर गोलार्ध में रहता है।
- उत्तरायन के छह महीनों में सूर्य मकर से मिथुन तक भ्रमण करते हैं।
- उत्तरायन काल को प्राचीन ऋषि मुनियों ने पराविद्याओं, जप, तप, सिद्धि प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण माना है।
- मकर संक्रांति उत्तरायन काल का प्रारंभ दिन है इसलिए इस दिन किया गया दान, पुण्य, अक्षय फलदायी होता है।
- सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश के कारण इसे मकर संक्रांति कहते हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ