कौशांबी: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
m (1 अवतरण) |
m (Text replace - ":ऐतिहासिक स्थाल कोश" to ":ऐतिहासिक स्थान कोश") |
||
Line 4: | Line 4: | ||
[[बौद्ध]] भूमि के रूप में प्रसिद्ध कौशाम्बी [[उत्तर प्रदेश]] राज्य का एक ज़िला है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण है। यहां स्थित प्रमुख पर्यटन स्थलों में शीतला मंदिर, [[दुर्गा]] देवी मंदिर, प्रभाषगिरी और [[राम]] मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध है। [[इलाहाबाद]] के दक्षिण-पश्चिम से 63 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कौशाम्बी को पहले कौशाम के नाम से जाना जाता था। यह बौद्ध व [[जैन|जैनों]] का पुराना केन्द्र है। पहले यह जगह [[सोलह महाजनपद|वत्स महाजनपद]] के राजा उदयन की राजधानी थी। माना जाता है कि [[बुद्ध]] छठें व नौवें वर्ष यहां घूमने के लिए आए थे। | [[बौद्ध]] भूमि के रूप में प्रसिद्ध कौशाम्बी [[उत्तर प्रदेश]] राज्य का एक ज़िला है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण है। यहां स्थित प्रमुख पर्यटन स्थलों में शीतला मंदिर, [[दुर्गा]] देवी मंदिर, प्रभाषगिरी और [[राम]] मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध है। [[इलाहाबाद]] के दक्षिण-पश्चिम से 63 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कौशाम्बी को पहले कौशाम के नाम से जाना जाता था। यह बौद्ध व [[जैन|जैनों]] का पुराना केन्द्र है। पहले यह जगह [[सोलह महाजनपद|वत्स महाजनपद]] के राजा उदयन की राजधानी थी। माना जाता है कि [[बुद्ध]] छठें व नौवें वर्ष यहां घूमने के लिए आए थे। | ||
[[Category:ऐतिहासिक | [[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | ||
[[Category:पर्यटन कोश]] [[Category:ऐतिहासिक स्थल]] | [[Category:पर्यटन कोश]] [[Category:ऐतिहासिक स्थल]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Revision as of 09:21, 28 March 2010
कौशाम्बी / Kaushambi
बौद्ध भूमि के रूप में प्रसिद्ध कौशाम्बी उत्तर प्रदेश राज्य का एक ज़िला है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण है। यहां स्थित प्रमुख पर्यटन स्थलों में शीतला मंदिर, दुर्गा देवी मंदिर, प्रभाषगिरी और राम मंदिर विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इलाहाबाद के दक्षिण-पश्चिम से 63 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कौशाम्बी को पहले कौशाम के नाम से जाना जाता था। यह बौद्ध व जैनों का पुराना केन्द्र है। पहले यह जगह वत्स महाजनपद के राजा उदयन की राजधानी थी। माना जाता है कि बुद्ध छठें व नौवें वर्ष यहां घूमने के लिए आए थे।