वक्ष: Difference between revisions
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*उरोस्थि छाती के सामने का भाग होता है जो चपटा, पतला, चौड़ा मजबूत होता है। | *उरोस्थि छाती के सामने का भाग होता है जो चपटा, पतला, चौड़ा मजबूत होता है। |
Revision as of 07:35, 27 November 2010
(अंग्रेज़ी:Thorax) वक्ष अधिकांश जीव जंतुओं के शरीर का आवश्यक अंग हैं। इस लेख में मानव शरीर से सबंधित उल्लेख है। वक्ष की संरचना संदूकनुमा होती है। इसके अन्दर ह्रदय, फेफड़े आदि कोमल अंग सुरक्षित रहते हैं। इसका निर्माण उरोस्थि एवं पसलियों से तथा पीछे की ओर मेरुदण्ड से होता है।
उरोस्थि
- उरोस्थि छाती के सामने का भाग होता है जो चपटा, पतला, चौड़ा मजबूत होता है।
- इसकी लम्बाई लगभग 6 इंच तथा चौड़ाई लगभग 3 इंच होती है।
- इसका ऊपरी सिरा चौड़ा तथा निचला सिरा संकरा होता है।
- इस पर पसलियाँ जुड़ी रहती हैं।
पसलियाँ
मुख्य लेख : पसलियाँ
- उरोस्थि के साथ मिलकर पसलियाँ वक्ष पिंजर का निर्माण करती हैं।
- इसके अन्दर ह्रदय और फेफड़े सुरक्षित रहते हैं।
- पसलियाँ संख्या में 24 होती हैं तथा वक्ष में दोनों ओर 12-12 स्थित होती हैं।
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