प्रत्यभिज्ञादर्शन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:12, 7 February 2011 by प्रिया (talk | contribs)
Jump to navigation Jump to search
  • प्रत्यभिज्ञादर्शन एक दार्शनिक सम्प्रदाय है।
  • इसके अनुयायी काश्मीरक शैव होते हैं।
  • इसके अनुसार महेश्वर ही जगत के कारण और कार्य सभी कुछ हैं।
  • यह संसार मात्र शिवमय है। महेश्वर ही ज्ञाता और ज्ञानस्वरूप हैं। घट-पटादि का ज्ञान भी शिवस्वरूप है।
  • इस दर्शन के अनुसार पूजा, पाठ, जप, तप आदि की कोई आवश्यकता नहीं है, केवल इस प्रत्यभिज्ञा अथवा ज्ञान की कोई आवश्यकता है कि जीव और ईश्वर एक हैं।
  • इस ज्ञान की प्राप्ति ही मुक्ति है। जीवात्मा-परमात्मा में जो भेद दिखता है, वह भ्रम है।
  • इस दर्शन के मानने वालों का विश्वास है कि जिस मनुष्य में ज्ञान और क्रियाशक्ति है, वही परमेश्वर है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • पुस्तक हिन्दू धर्म कोश से पेज संख्या 420 | डॉ. राजबली पाण्डेय |उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान (हिन्दी समिति प्रभाग) |राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन हिन्दी भवन महात्मा गाँधी मार्ग, लखनऊ


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः