इंडिया गेट

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search

यमुना नदी के किनारे स्थित दिल्ली शहर भारत की राजधानी है जो प्राचीन और गतिशील इतिहास के साथ एक चमकदार आधुनिक शहर है। इस शहर में बहुपक्षीय संस्‍कृति है जो पूरे राष्‍ट्र का एक लघु ब्रह्मांड कहा जा सकता है। इस शहर में एक साथ दो अनोखे अनुभव होते हैं-

  • नई दिल्‍ली अपनी चौड़ी सड़कों और ऊंची इमारतों के साथ एक समकालीन शहर होने का अनुभव कराता है जबकि
  • पुरानी दिल्‍ली की सड़कों पर चलते हुए आप एक पुराने युग का नजारा ले सकते हैं, जहां तंग गलियां और पुरानी हवेलियां देखाई देती हैं। दिल्‍ली में हजारों पुराने ऐतिहासिक स्‍मारक और धार्मिक महत्‍व के स्‍थान हैं।
  • इंडिया गेट दिल्ली के राजपथ पर स्थित है.

निर्माण

  • दिल्ली के महत्‍वपूर्ण स्‍मारक, इंडिया गेट को 80,000 से अधिक भारतीय सैनिकों की याद में निर्मित किया गया था जिन्‍होंने प्रथम विश्‍वयुद्ध में वीरगति पाई थी।
  1. प्रथम विश्व युद्ध और अफ़ग़ान युद्ध में मारे गए भारतीय जवानों की याद में 1931 में बनकर तैयार हुआ।
  2. यह स्‍मारक 42 मीटर ऊंची आर्च से सज्जित है।
  3. इसे प्रसिद्ध वास्‍तुकार 'एडविन ल्‍यूटियन्‍स' ने डिजाइन किया था। इंडिया गेट को पहले अखिल भारतीय युद्ध स्‍मृति के नाम से जाना जाता था।
  4. इंडिया गेट की डिजाइन इसके फ्रांसीसी प्रतिरूप 'स्‍मारक आर्क - डी - ट्रायोम्‍फ' के समान है।

वास्तुकला

यह इमारत लाल पत्‍थर से बनी हैं जो एक विशाल ढांचे के मंच पर खड़ी है। इसके आर्च के ऊपर दोनों ओर 'इंडिया' लिखा है। इसके दीवारों पर 70,000 से अधिक भारतीय सैनिकों के नाम शिल्पित किए गए हैं, जिनकी याद में इसे बनाया गया है। इसके शीर्ष पर उथला गोलाकार बाउलनुमा आकार है जिसे विशेष अवसरों पर जलते हुए तेल से भरने के लिए बनाया गया था।

अमर जवान ज्‍योति

इंडिया गेट के बेस पर एक अन्‍य स्‍मारक, अमर जवान ज्‍योति है, जिसे स्‍वतंत्रता के बाद जोड़ा गया था। यहां निरंतर एक ज्‍वाला जलती है जो उन अंजान सैनिकों की याद में है जिन्‍होंने इस राष्‍ट्र की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया।

बोट क्‍लब

इसके आस पास हरे भरे मैदान, बच्‍चों का उद्यान और प्रसिद्ध बोट क्‍लब इसे एक उपयुक्‍त पिकनिक स्‍थल बनाते हैं। इंडिया गेट के फव्‍वारे के पास बहती शाम की ठण्डी हवा ढेर सारे दर्शकों को यहां आकर्षित करती हैं। शाम के समय इंडिया गेट के चारों ओर लगी रोशनियों से इसे प्रकाशमान किया जाता है जिससे एक भव्‍य दृश्‍य बनता है। स्‍मारक के पास खड़े होकर राष्‍ट्रपति भवन का नज़ारा लिया जा सकता है। सुंदरतापूर्वक रोशनी से भरे हुए इस स्‍मारक के पीछे काला होता आकाश इसे एक यादगार पृष्‍ठभूमि प्रदान करता है। दिन के प्रकाश में भी इंडिया गेट और राष्‍ट्रपति भवन के बीच एक मनोहारी दृश्‍य दिखाई देता है।

गणतंत्र दिवस परेड

हर वर्ष 26 जनवरी को इंडिया गेट गणतंत्र दिवस की परेड का गवाह बनता है जहां आधुनिकतम रक्षा प्रौद्योगिकी के उन्‍नयन का प्रदर्शन किया जाता है। यहां आयोजित की जाने वाली परेड भारत देश की रंगीन और विविध सांस्‍कृतिक विरासत की झलक भी दिखाती है, जिसमें देश भर से आए हुए कलाकार इस अवसर पर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं।

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः