यंग बंगाल आन्दोलन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:54, 19 August 2011 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''यंग बंगाल आन्दोलन''' की स्थापना वर्ष 1828 ई. में बंगाल ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

यंग बंगाल आन्दोलन की स्थापना वर्ष 1828 ई. में बंगाल में की गई थी। इसके संस्थापक 'हेनरी विविनय डेरोजियो' (1809-1831 ई.) थे। इस आन्दोलन का मुख्य उद्देश्य प्रेस की स्वतन्त्रता, ज़मींदारों द्वारा किये जा रहे अत्याचारों से रैय्यत की संरक्षा, सरकारी नौकरियों में ऊँचे वेतनमान के अन्तर्गत भारतीय लोगों को नौकरी दिलवाना था।

एंग्लों-इंडियन डेरोजियो ‘हिन्दू कॉलेज’ में अध्यापक थे। वे फ़्राँस की महान क्रांति से बहुत प्रभावित थे। उन्होंने अपने शिष्यों एवं अनुयायियों को स्वतन्त्र विवेक से सोचने, मुक्ति, समानता तथा स्वतन्त्रता से प्रेम करने एवं सत्य की पूजा करने का पाठ पढ़ाया। उन्होंने आत्मा के विस्तार एवं समाज सुधार हेतु ‘एकेडेमिक एसोसिएशन’ एवं ‘सोसायटी फ़ॉर द एक्वीजीशन ऑफ़ जनरल नॉलेज’ की स्थापना की। इसके अलावा डेरोजियो ने ‘एंग्लो-इंडियन हिन्दू एसोसिएशन’, बंगहित सभा व ‘डिबेटिंग क्लब’ का भी गठन किया। बंगाल आंदोलन के समर्थक लोग पाश्चात्य सभ्यता से अधिक प्रभावित थे। तत्कालीन भारत के कट्टर हिन्दुओं ने डेरोजियों के विचारों का विरोध किया। डेरोजियों ने ‘ईस्ट इंडिया’ नामक दैनिक पत्र का भी संपादन किया। उनके प्रमुख शिष्य थे- कृष्ण मोहन बनर्जी, रामगोपाल घोष एवं महेशचन्द्र घोष। हेनरी विवियन डेरोजियो को आधुनिक भारत का प्रथम राष्ट्रवादी कवि माना जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः