आइए अशोक के काल याने तीसरी चौथी शताब्दी ईसा पूर्व चलते हैं, देखें क्या चल रहा है! महर्षि पाणिनि विश्व प्रसिद्ध संस्कृत व्याकरण के ग्रंथ अष्टाध्यायी को पूरा करने में निमग्न हैं। ये उस तरफ़ कौन बैठा है ? ये तो महर्षि पिंगल हैं पाणिनि के छोटे भाई, इनकी गणित में रुचि है, संख्याओं से खेलते रहते हैं और शून्य की खोज करके ग्रंथों की रचना कर रहे हैं। साथ ही कंप्यूटर में प्रयुक्त होने वाले बाइनरी सिस्टम को भी खोज कर अपने भुर्जपत्रों में सहेज रहे हैं।… पूरा पढ़ें
[[चित्र:Aditya-Chaudhary-Wishva-Hindi-Sammelan-2.jpg |border|right|120px|भारतकोश संस्थापक श्री आदित्य चौधरी जी को माननीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह 'विश्व हिन्दी सम्मान' से सम्मानित करते हुए|link=विश्व हिन्दी सम्मेलन 2015]]