मैं तो आरती उतारूँ

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 14:08, 2 June 2017 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replacement - " मां " to " माँ ")
Jump to navigation Jump to search
मैं तो आरती उतारूँ
विवरण मैं तो आरती उतारूँ एक प्रसिद्ध फ़िल्मी गीत है।
रचनाकार कवि प्रदीप
फ़िल्म जय संतोषी माँ (1975)
संगीतकार सी. अर्जुन
गायक/गायिका उषा मंगेशकर
अन्य जानकारी कवि प्रदीप का मूल नाम 'रामचंद्र नारायणजी द्विवेदी' था। प्रदीप हिंदी साहित्य जगत और हिंदी फ़िल्म जगत के एक अति सुदृढ़ रचनाकार रहे। कवि प्रदीप 'ऐ मेरे वतन के लोगों' सरीखे देशभक्ति गीतों के लिए जाने जाते हैं।

मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की
जय जय संतोषी माता जय जय मां

बड़ी ममता है बड़ा प्यार माँ की आँखों में
बड़ी करुणा माया दुलार माँ की आँखों में

क्यूं न देखूं बारम्बार माँ की आँखों में
दिखे हर घड़ी नया चमत्कार माँ की आँखों में

नृत्य करूं छुम छुम झम झम झम झुम झुम
झांकी निहारूं रे ओ प्यारी -२ झांकी निहारूं रे

मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की
जय जय संतोषी माता जय जय मां

सदा होती है जय जयकार माँ के मन्दिर में
नित झांझर की हो झंकार माँ के मन्दिर में

सदा मंजीरे करते पुकार माँ के मन्दिर में
दिखे हर घड़ी नया चमत्कार माँ के मन्दिर में

दीप धरुं धूप धरुं प्रेम सहित भक्ति करूं
जीवन सुधारुं रे ओ प्यारा -२ जीवन सुधारुं रे

मैं तो आरती उतारूँ रे संतोषी माता की


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः