दाँत पीसना

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:36, 9 November 2015 by विवेक आद्य (talk | contribs) (''''दाँत पीसना''' एक प्रचलित कहावत लोकोक्ति मुहावरे|ल...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

दाँत पीसना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- क्रोध से अभिभूत होने पर इस प्रकार दाँतो से दाँत दबाना कि मानो खा या चबा ही जाएँगे।

प्रयोग-

  1. जो ज़माने से पिस रहे थे वे दाँत पीसकर समाने आए। - राजा राधिका रमण प्रसाद सिंह।
  2. आवेश में तो न जाने क्या सोच लेता है आदमी। मगर साधनहीन होने के बाद खाली दाँत पीसकर रह जाता है। -अजित पुष्कल।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें

                              अं                                                                                              क्ष    त्र    श्र

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः