अवृत्ति (विशेषण) [नञ् बहुव्रीहि समास]
1. जिसकी सत्ता न हो, जो विद्यमान न हो
2. जिसकी कोई जीविका न हो,-त्तिः (स्त्रीलिंग) [नञ् तत्पुरुष समास]
- 1. वृत्ति का अभाव, जीविका का कोई साधन न होना, अपर्याप्त आश्रय-अवृत्तिकर्षिता हि स्त्री प्रदुष्येत् स्थिति-मत्यपि[1], आददीताममेवा-स्मादवृत्तावेकरात्रिकम्[2]
2. पारिश्रमिक का अभाव, 'त्वं अनस्तित्व।[3]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ -मनु. 9/74, 10/101
- ↑ -4/223
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संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 12 |
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