श्लेष अलंकार

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जिस जगह पर ऐसे शब्दों का प्रयोग हो, जिन शब्दों के एक से अधिक अर्थ निलकते हो, वहाँ पर श्लेष अलंकार होता है।[1]

चिरजीवो जोरी जुरे क्यों न सनेह गंभीर।
को घटि ये वृष भानुजा, वे हलधर के बीर।।

  • इस जगह पर वृषभानुजा के दो अर्थ हैं-
  1. वृषभानु की पुत्री राधा
  2. वृषभ की अनुजा गाय।
  • इसी प्रकार हलधर के भी दो अर्थ है-
  1. बलराम
  2. हल को धारण करने वाला बैल


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. अलंकार (हिन्दी) (एच टी एम एल) हिन्दीकुंज। अभिगमन तिथि: 4 जनवरी, 2011

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