एटली

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 11:09, 12 February 2011 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "लार्ड" to "लॉर्ड")
Jump to navigation Jump to search

भारत को स्वतंत्रता प्राप्त होने के समय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लीमेंट एटली थे। एटली लेबर पार्टी का था। जिसके शासन काल में देश स्वतंत्र हुआ था। फ़रवरी, 1947 में ब्रिटेन के हाउस आफ कामन्स में भारत को स्वाधीन करने के विषय में उन्होंने स्पष्ट शब्दों में घोषणा की थी कि "ब्रिटेन भारतीयों को स्वतंत्रता दे रहा है, क्योंकि अब भारतीय सेना ब्रिटिश राजसत्ता के प्रति राजभक्त नहीं रही है और ब्रिटेन भारत को अपने अधीन बनाये रखने के लिए अंग्रेज़ों की बहुत बड़ी सेना को भारत में रखने की स्थिति में नहीं है।"

1946 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री लॉर्ड एटली ने जो कैबिनेट मिशन भारत भेजा था उसने भी इसे देश को तीन भागों का एक महासंघ बनाने की योजना दी थी। ब्रिटेन की संसद के आम चुनाव में चर्चिल की कंजरवेटिव पार्टी पराजित हो गई और क्लीमेंट एटली के नेतृत्व में लेबर पार्टी सत्ता में आ गई। एटली भारत को स्वाधीनता देना चाहते थे। उस समय भारत के गवर्नर जनरल और वायसराय लॉर्ड वावेल ने अपनी लंदन यात्रा में एटली से कहा था कि भारत में ब्रिटिश शासन के सम्मुख दो ही रास्ते है या तो भारत पर पूरी कठोरता से शासन किया जाए या जनता के प्रतिनिधियों को सत्ता सौंप दी जाए।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः