ओडिशा का यातायात

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[[चित्र:Orrisa-Map-1.gif|thumb|250px|उड़ीसा का मानचित्र
Orrisa Map]] 1947 से पहले ओडिशा में संचार सुविधाएं अविकसित थीं, लेकिन इसमें से रजवाड़ों के विलय और खनिज संसाधनों की खोज से अच्छी सड़कों के संजाल की आवश्यकता महसूस की गई। अधिकांश प्रमुख नदियों पर पुल निर्माण जैसे बड़े विनिर्माण कार्यक्रम ओडिशा सरकार द्वारा शुरू किए गए। महानदी के मुहाने पर पारादीप में सभी मौसमों के लिए उपयुक्त, गहरे बंदरगाह का निर्माण किया गया है। यह बंदरगाह राज्य के निर्यात, विशेषकर कोयले के निर्यात का केंद्र बन गया है।

ओडिशा राज्य में विकास दर बढाने के लिए परिवहन की अनेक योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा है-

सडकें

2004 - 05 तक राज्य में सडकों की कुल लंबाई 2,37,332 कि.मी. थी। इसमें राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 3,595 कि.मी., एक्सप्रेस राजमार्गों की कुल लंबाई 29 किलोमीटर, राजकीय राजमार्गों की कुल लंबाई 5,102 कि.मी. ज़िला मुख्य सड़कों की कुल लंबाई 3,189 कि.मी., अन्य ज़िला सड़कों की कुल लंबाई 6,334 कि.मी. और ग्रामीण सड़कों की कुल लंबाई 27,882 कि.मी. है। पंचायत समिति सड़कों की कुल लंबाई 1,39,942 कि.मी. और 88 कि.मी. ग्रिडको सड़कें हैं।

रेलवे

31 मार्च 2004 तक राज्य में 2,287 किलोमीटर लंबी बडी रेल लाइनें और 91 किलोमीटर छोटी लाइनें थी।

उड्डयन

भुवनेश्वर में हवाई अड्डे का आधुनिकीकरण का कार्य हो रहा है। यहाँ से दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, नागपुर और हैदराबाद के लिए सीधी उड़ानें हैं। इस समय राज्य भर में 13 हवाई पट्टियां और 16 हेलीपैड की व्यवस्था है।

बंदरगाह

पारादीप राज्य का एक मात्र मुख्य बंदरगाह है। गोपालपुर को पूरे साल काम करने वाले बंदरगाह के रूप में विकसित करने का कार्य प्रगति पर है।


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