तुमसे मिलकर जीने की चाहत जागी प्यार तुम्हारा पाकर ख़द से प्यार हुआ तुम औरों से कब हो,तुमने पल भर में मन के सन्नाटों का मतलब जान लिया जितना मैं अब तक ख़द से अन्जान रहा तुमने वो सब पल भर में पहचान लिया मुझपर भी कोई अपना ह्क़ रखता है यह अहसास मुझे भी पहली बार हुआ प्यार तुम्हारा पाकर ख़द से प्यार हुआ ऐसा नहीं कि सपन नहीं थे आँखों में लेकिन वो जगने से पहले मुरझाए अब तक कितने ही सम्बन्ध जिए मैंने लकिन वो सब मन को सींच नहीं पाये भाग्य जगा है मेरी हर प्यास क तप्ति के हाथों ही खुद सतकार हुआ प्यार तुम्हारा पाकर ख़द से प्यार हुआ दिल कहता है तुम पर आकर ठहर गई मेरी हर मजबूरी, मेरी हर भटकन दिल के तारों को झंकार मिली तुमसे गीत तुम्हारे गाती है दिल की धड़कन जिस दिल पर अधिकार कभी मैं रखता था उस दिल क हाथों ही अब लाचार हुआ प्यार तुम्हारा पाकर खुद से प्यार हुआ बहकी हुई हवाओं ने मेरे पथ पर दूर-दूर तक चंदन-गंध बिखेरी है भाग्य देव ने स्वयं उतरकर धरती पर मेरे हाथ में रेखा नई उकेरी है मेरी हर इक रात महकती है अब तो मेरा हर दिन जैसे इक त्यौहार हुआ प्यार तुम्हारा पाकर खुद से प्यार हुआ