चारित्त शील बौद्ध निकाय

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:13, 28 May 2010 by रेणु (talk | contribs) ('बौद्ध धर्म के [[अठारह बौद्ध निकाय|अठारह बौद्ध निकाय...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

बौद्ध धर्म के अठारह बौद्ध निकायों में चेतना शील की यह परिभाषा है:- जिन कर्मों का सम्पादन करना चाहिए, उनका सम्पादन करना 'चारित्त शील' है। भगवान बुद्ध ने विनय पिटक में भिक्षुओं के लिए जो करणीय आचरण कहे हैं, उनके करने से यद्यपि 'चारित्त्व शील' पूरा हो जाता है। तथापि उन्होंने निर्वाण प्राप्ति के लिए जो मार्ग प्रदर्शित किया है, उसे अपने जीवन में उतारने से ही चरित्त शील, भलीभांति पूरा होता है।

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः