संघ की राजभाषा नीति

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संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी है। संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतराष्ट्रीय रूप है,[1] परन्तु हिन्दी के अतिरिक्त अंग्रेज़ी भाषा का प्रयोग भी सरकारी कामकाज में किया जा सकता है।[2]

संसद का कार्य हिन्दी में या अंग्रेज़ी में किया जा सकता है, परन्तु राज्य सभा के सभापति महोदय या लोक सभा के अध्यक्ष महोदय विशेष परिस्थिति में सदन के किसी सदस्य को अपनी मातृभाषा में सदन को संबोधित करने की अनुमति दे सकते हैं।[3]

किन प्रयोजनों के लिए केवल हिन्दी का प्रयोग किया जाना है, किन के लिए हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं का प्रयोग आवश्यक है और किन कार्यों के लिए अंग्रेज़ी भाषा का प्रयोग किया जाना है, यह राजभाषा अधिनियम 1963, राजभाषा नियम 1976 और उनके अंतर्गत समय-समय पर राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए निदेशों द्वारा निर्धारित किया गया है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संविधान का अनुच्छेद 343 (1)
  2. राजभाषा अधिनियम की धारा 3
  3. संविधान का अनुच्छेद 120

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