ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का मस्तानों का इस देश का यारों क्या कहना, ये देश है दुनिया का गहना यहाँ चौड़ी छाती वीरों की, यहाँ भोली शक्लें हीरों की यहाँ गाते हैं राँझे मस्ती में, मचती में धूमें बस्ती में पेड़ों पे बहारें झूलों की, राहों में कतारें फूलों की यहाँ हँसता है सावन बालों में, खिलती हैं कलियाँ गालों में कहीं दंगल शोख जवानों के, कहीं करतब तीर कमानों के यहाँ नित नित मेले सजते हैं, नित ढोल और ताशे बजते हैं दिलबर के लिये दिलदार हैं हम, दुश्मन के लिये तलवार हैं हम मैदां में अगर हम डट जाएं, मुश्किल है कि पीछे हट जाएं