असम राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, गुवाहाटी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 13:51, 25 March 2014 by गोविन्द राम (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

असम राष्ट्रभाषा प्रचार समिति गुवाहाटी में स्थित एक हिंदी सेवी संस्था है।

स्थापना

सन् 1934 में महात्मा गांधी जी के अनुयायी उत्तर प्रदेश के जननेता व समाज सेवक, स्वर्गीय बाबा राघवदास जी ने बापू के आदेश से असम में हिन्दी प्रचार प्रारंभ किया। लेकिन उस समय असम में समिति की स्थापना नहीं हुई थी। बाद में इसकी ज़रूरत महसूस की जाने लगी, अत: स्वर्गीय गोपीनाथ बारदोलायी के आग्रह से 3 नवंबर, 1938 को ‘असम हिन्दी प्रचार समिति’ नामक एक संस्था कायम की गई। बाद में इसका नाम ‘असम राष्ट्रभाषा प्रचार समिति’ पड़ा।

विशेषताएँ

  • यह संस्था प्राथमिक स्तर से स्नातक स्तर तक– परिचय, प्रथमा, प्रवेशिका, प्रबोध, विशारद, और प्रवीण छ: परीक्षाएँ चलाती है।
  • प्रबोध, विशारद और प्रवीण परीक्षाओं को भारत सरकार द्वारा क्रमश: मैट्रिक, इंटर और बी.ए. के हिन्दी स्तर के समकक्ष स्थायी मान्यता मिली हुई है।
  • समिति का अपना एक केंद्रीय पुस्तकालय है जिसे भाषा गवेषणागार का रूप दिया गया है। अब तक इस में हिन्दी, असमिया, बंगला, उर्दू आदि की लगभग दस हज़ार पुस्तकें हैं।
  • इस समिति ने अखिल भारतीय हिन्दी परिषद की सर्वोच्च उपाधि हिन्दी ‘पारंगत’ परीक्षा के शिक्षण के लिए सन् 1953 में 'हिन्दी विद्यापीठ' की स्थापना गुवाहाटी शहर में की।
  • इस दृष्टि से असम राष्ट्रभाषा प्रचार समिति ने सन् 1940 से अपनी तरफ से साहित्य-निर्माण तथा प्रकाशन की योजनाओं को अपने हाथ में लिया।
  • राज्य के हिन्दी तथा अहिन्दीभाषी स्कूलों की पाठ्य-पुस्तकें भी समिति की तरफ से प्रकाशित की गईं।
  • राष्ट्रभाषा प्रचार के उद्देश्यों की पूर्ति और सामासिक संस्कृति के प्रचार-प्रसार हेतु सन् 1951 से समिति का त्रैमासिक मुखपत्र राष्ट्र सेवक प्रकाशित होता है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. लोंढे, शंकरराव। हिन्दी की स्वैच्छिक संस्थाएँ (हिंदी) भारतकोश। अभिगमन तिथि: 25 मार्च, 2014।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः