विलियम लायड गैरिसन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:49, 8 June 2015 by नवनीत कुमार (talk | contribs) (''''विलियम लायड गैरिसन''' (अंग्रेजी:William Lloyd Garrision) (जन्म:[[10 दि...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

विलियम लायड गैरिसन (अंग्रेजी:William Lloyd Garrision) (जन्म:10 दिसंबर 1805 से मृत्यु : 24 मई 1879) अमेरीकी दासता विरोधी आंदोलन के नेता थे। विलियम लायड गैरिसन का जन्म न्यूबरीपोर्ट (मसाचूसेट्स) में 10 दिसंबर, 1805 को हुआ था। जब गैरिसन के पिता की मृत्यु हुई तब गैरिसन बच्चा ही था।

समाचार पत्र का संपादन

गैरिसन ने कम उम्र में ही हेराल्ड में लिखना शुरू किया। जिसका अनेक बार वह स्थानापन्न संपादक भी हुआ। शीघ्र ही बोस्टन में वह नेशनल फिलैंथ्रापिस्ट का संपादक हुआ। जिस पत्र की स्थापना मद्यपान के विरोध में हुई थी। जान क्विंसी ऐडम्स को संयुक्त राज्य अमरीका का राष्ट्रपति बनाने के लिये 1828 में गैरिसन ने बेनिंग्टन में 'जनरल ऑव द टाइम्स' नामक पत्र छापना शुरू किया। गैरिसन ने उसी साल लिबरेटर नाम का पत्र निकालना शुरू किया। उसका नारा था - संसार हमारा देश है, मानव जाति हमारी हम वतन है। उस पत्र में सिद्धांत रूप से संपादक ने जो ऐलान किया, वह आज अपने सिद्धांत में निष्ठा रखनेवालों का नैतिक शपथ बन गया है। 'मैं दृढ़ प्रतिज्ञ हूँ', 'मैं अपनी बात पर दृढ़ रहूँगा', 'मैं कभी क्षमा नहीं करूँगा', 'मैं एक इंच भी पीछे नहीं हटूँगा' और 'अपनी बात सुनाकर रहूँगा'।

सामाजिक योगदान

बेंजामिन लैंडी के दासता विरोधी व्याख्यानों से प्रभावित होकर गैरिसन ने दासता के विरुद्ध अमरीका में युद्ध ठान दिया। उसका कहना था कि नीग्रो दासों को सभी प्रकार के नागरिक अधिकार मिलने चाहिए और उसने दासों के पक्ष में आंदोलन आरंभ कर दास स्वामियों से झगड़ा मोल ले लिया। इस संबध में उसे जेल का मुँह भी देखना पड़ा। 1831 में उस पर भारी मुकदमा चला और 5000 डालर का इनाम उसे पकड़ने के लिये घोषित हुआ।

इंग्लैंड की यात्रा

गैरिसन ने जब इंग्लैंड की यात्रा की तब वहां के दास प्रथावलंबियों में खलबली मच गई। फिर भी उसने वहाँ दास विरोधी समाज की स्थापना की। उसके अमरीका लौटने पर राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने उसकी दास विरोधी सेवाओं को सराहा और दासप्रथा का अमरीका में अंत किया। दूसरी बार जब गैरिसन 1846 में और तीसरी बार 1867 में इंग्लैंड गया, तब उसका वहाँ बड़ा स्वागत और सम्मान हुआ। वह न्यूयार्क में 74 साल की उम्र में 24 मई, 1879 को मरा तथा बोस्टन में दफनाया गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः