मूढ़मंडली में सुजन -रहीम

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मूढ़मंडली में सुजन , ठहरत नहीं बिसेखि ।
स्याम कचन में सेत ज्यो, दूरि कीजियत देखि ॥

अर्थ

मूर्खों की मंडली में बुद्धिमान कुछ अधिक नहीं ठहरा करते। काले बालों में से जैसे सफेद बाल देखते ही दूर कर दिया जाता है।


left|50px|link=माँगे मुकरि न को गयो -रहीम|पीछे जाएँ रहीम के दोहे right|50px|link=यद्यपि अवनि अनेक हैं -रहीम|आगे जाएँ

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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