रहिमन प्रीति न कीजिए -रहीम
‘रहिमन’ प्रीति न कीजिए , जस खीरा ने कीन ।
ऊपर से तो दिल मिला, भीतर फांकें तीन ॥
- अर्थ
ऐसे आदमी से प्रेम न जोड़ा जाय, जो ऊपर से तो मालूम दे कि वह दिल से मिला हुआ है, लेकिन अंदर जिसके कपट भरा हो। खीरे को ही देखो, ऊपर से तो साफ-सपाट दीखता है, पर अंदर उसके तीन-तीन फाँके हैं।
left|50px|link=रहिमन पानी राखिए -रहीम|पीछे जाएँ | रहीम के दोहे | right|50px|link=रहिमन बहु भेषज करत -रहीम|आगे जाएँ |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख