सौदा करौ सो कहि चलो -रहीम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 13:21, 15 November 2016 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replacement - "खरीद" to "ख़रीद")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

सौदा करौ सो कहि चलो, ‘रहिमन’ याही घाट।
फिर सौदा पैहो नहीं, दूरि जात है बाट॥

अर्थ

दुनिया की इस हाट में जो भी कुछ सौदा करना है, वह कर लो, गफलत से काम नहीं बनेगा। रास्ता वह बड़ा ही लम्बा है, जिस पर तुम्हे चलना होगा। इस हाट से जाने के बाद न तो कुछ ख़रीद सकोगे, और न कुछ बेच सकोगे।


left|50px|link=सदा नगारा कूच का -रहीम|पीछे जाएँ रहीम के दोहे right|50px|link=रहिमन कठिन चितान तै -रहीम|आगे जाएँ

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः