गिरधारी लाल विश्वकर्मा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 10:48, 28 June 2017 by कविता बघेल (talk | contribs) ('{{सूचना बक्सा कलाकार |चित्र=Girdharilal-vishwkarma.jpg |चित्र का नाम=ग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search
गिरधारी लाल विश्वकर्मा
कर्म भूमि जोधपुर, राजस्थान
पुरस्कार-उपाधि गिरधारी लाल विश्वकर्मा को मास्टर आर्टिस्ट के रूप में भारत के राष्ट्रपति से राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।
प्रसिद्धि पेंटिंग आर्टिस्ट
अन्य जानकारी भविष्य में गिरधारी लाल संगीत प्रेमियों के लिए एक कैफे खोलने का विचार कर रहे हैं, जहां वे रिकॉर्ड के लिए एक गैलरी बनाएंगे और संगीत प्रेमियों को उनके मनपसंद गाने अपने संग्रह में से उपलब्ध करवाएंगे।
अद्यतन‎

गिरधारी लाल विश्वकर्मा पेंटिंग आर्टिस्ट हैं और भारत के पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर में एक हस्तकला व्यवसाय चलाते हैं। उन्हें मास्टर आर्टिस्ट के रूप में भारत के राष्ट्रपति से राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। ये पुराने रिकॉर्ड्स के डिजिटाइजेशन का कार्य करते हैं। इन्होंने 1932 से लेकर 1953 तक के बारह हज़ार गानों को डिजिटल रूप में बदल दिया है। इस संग्रह में हिंदी फ़िल्मी गीतों के अलावा कई राजस्थानी दुर्लभ गीत भी शामिल हैं।[1]


  • मूलरूप से बाड़मेर ज़िले के अलमसर गांव के रहने वाले गिरधारी लाल विश्वकर्मा को बचपन में ही रेडियों पर पुराने गीत सुनने का शौक था।
  • इन्होंने 2005 में कम्प्यूटर से ग्रामोफोन को जोड़कर पुराने रिकॉर्ड के डिजिटाइजेशन का काम शुरू किया।
  • गिरधारी लाल का लक्ष्य 1970 तक के रिकॉर्ड्स का डिजिटाइजेशन करना है।
  • इनके पास पुरानी फ़िल्मी पत्रिकाएं भी हैं, जिनमें हिंदी फ़िल्म गीतकोश के आलावा ‘दो घड़ी मौज़, मौज़ मघ, रंगभूमि, चित्रपट, सिनेमा संसार, द मूवीज जैसी पत्रिकाएं शामिल हैं। ये पत्रिकाएं गुजराती, मराठी, हिंदीअंग्रेज़ी में हैं। जिसमें पुरानी फ़िल्मों से संबंधित कई महत्त्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध हैं।
  • भविष्य में गिरधारी लाल संगीत प्रेमियों के लिए एक कैफे खोलने का विचार कर रहे हैं, जहां वे रिकॉर्ड के लिए एक गैलरी बनाएंगे और संगीत प्रेमियों को उनके मनपसंद गाने अपने संग्रह में से उपलब्ध करवाएंगे। फिलहाल संगीत प्रेमी उनके गानों को यूट्यूब पर सुन सकते हैं।
  • 1941 से 1950 के दौर में बने रिकॉर्ड पर गायक के नाम की जगह फ़िल्म के कलाकारों के नाम लिखे जाते थे, जिससे गायकों को विशेष पहचान नहीं मिलती थी। 1984 में लिसनर बुलेटिन पत्रिका के संपादक हरमंदिर सिंह ‘हमराज’ की हिंदी फ़िल्मकोश पुस्तक के दो वॉल्यूम मंगवाए। इनमें उन्हें फ़िल्मों के नाम, उसके बोल संगीतकार, गीतकारों के नाम तो मिले लेकिन कई जगहों पर गायकों का ज़िक्र नहीं था। गिरधारीलाल ने इन खाली जगहों को अपने श्रोता मित्रों से बातचीत के ज़रिये तथ्य इकट्ठे कर भरना शुरू किया और इस प्रकार वह गायकों को उनकी पहचान दिला रहे हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. गिरधारी लाल विश्वकर्मा (हिंदी) www.dnaindia.com। अभिगमन तिथि: 28 जून, 2017।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः