अभिश्लेषण

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 07:11, 30 May 2018 by यशी चौधरी (talk | contribs) (''''अभिश्लेषण''' (एग्लूटिनेशन) दो वस्तुओं का मिलना। भाष...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

अभिश्लेषण (एग्लूटिनेशन) दो वस्तुओं का मिलना। भाषा विज्ञान में शब्दों के संमेलन को अभिश्लेषण कहते हैं। भाषा में पदों के द्वारा अर्थ का तथा परसर्ग आदि के द्वारा संबंध का बोध होता है। 'मेरे' शब्द में 'मैं' (अर्थ तत्व) और 'का' (संबंध तत्व) का अभिलेषण करके 'मेरे' शब्द बनाया गया है। इस अभिलेषण के आधार पर ही भाषाओं का आकृतिमूलक वर्गीकरण किया जाता है। चीनी भाषा में अभिश्लेषण नहीं है किंतु तुर्की भाषा अभिश्लेषण का अच्छा उदाहरण है।

इसके तीन मुख्य भेद हैं-

  1. प्रश्लिष्ट अभिश्लेषण (इनकारपोरेशन), इसमें दोनों तत्वों को अलग नहीं किया जा सकता।
  2. अभिश्लिष्ट अभिश्लेषण (सिंपुल एग्लूटिलेशन) में अभिश्लिष्ट तत्व पृथक्‌ दिखाई देते हैं।
  3. श्लिष्ट अभिश्लेषण (इनफ़्लेक्शन) में यद्यपि अर्थ तत्व में विकार हो जाता है फिर भी संबंध तत्व अलग मालूम होता है।

संस्कृत व्याकरण में अभिश्लेषण की प्रक्रिया को सामर्थ्य कहते हैं। वहाँ इसके एकार्थी भाव और व्यपेक्षा में दो भेद माने गए हैं। प्राचीन पाश्चात्य दर्शन में दो विचारों के समन्वय के लिए इसका प्रयोग हुआ है। चिकित्साशास्त्र में द्रव पदार्थ में बैक्टीरिया, सेल या जीवाणुओं के परस्पर संयोग के लिए इस शब्द का प्रयोग होता है।[1]



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 185 |

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः