निलोफर (राजकुमारी)

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thumb|250px|राजकुमारी निलोफर राजकुमारी निलोफर (अंग्रेज़ी: Princess Niloufer, जन्म- 4 जनवरी, 1916, गोएस्टेप पैलेस, इस्तांबुल, मृत्यु- 12 जून, 1989, पेरिस) तुर्की के ओट्टोमन राजसी वंश की आखिरी शहजादी थीं। इनके पिता के दामाद मोरलिजादा सालारूद्दीन थे। 16 वर्ष की आयु में निलोफर का विवाह हैदराबाद के अंतिम निजाम के दूसरे पुत्र मोअज्जम जाह से हुआ। 1952 में शादी के 21 साल बाद इनका तलाक हो गया। 21 फ़रवरी 1963 को निलोफर ने एडवर्ड जूलियस पोप से विवाह किया, जो एक युद्ध नायक, लेखक और फिल्म निर्माता थे।[1]

परिचय

तुर्की के इस्तानबुल से ताल्लुक रखने वाली राजकुमारी निलोफर 16 साल की उम्र में शादी करके हैदराबाद आई थीं। उस जमाने की सबसे अमीर शख्सियतों में शुमार रहे निजाम मोअज्जाम जाह ने उन्हें अपनी बेगम बनाया था। इन्हें हैदराबाद का कोहिनूर कहकर बुलाया जाता था। यही नहीं, इनका नाम दुनिया की सबसे खूबसूरत महिलाओं में शुमार था। भारत आने के बाद निलोफर को कई बार फिल्मों में एक्टिंग करने का भी ऑफर मिला, लेकिन इन्होंने हर बार उन्हें ठुकराया। अपनी स्टाइल और फैशन के लिए पॉपुलर रहीं निलोफर की साड़ियां मुंबई के टॉप के ज्वैलर माधवदास डिजाइन करते थे।[2]

अमीर आदमी की गरीब बहू

निलोफर के जन्म के वक्त उनके पिता की रियासत खत्म होने की कगार पर थी। प्रथम विश्व युद्ध में मिली शिकस्त की वजह से तुर्की राजघराने को फ्रांस में शरण लेनी पड़ी थी। निलोफर महज दो साल की थीं, जब इनके सिर से पिता का साया उठ गया। इसी वजह से एक राजकुमारी होने के बावजूद निलोफर की एजुकेशन पब्लिक स्कूलों में हुई। हैदराबाद के निजाम नवाब मीर ओस्मान अली खान उस समय दुनिया के सबसे अमीर शख्सियतों में शुमार थे। उनके बेटे मोअज्जाम जाह से शादी के बाद निलोफर की जिंदगी बदल गई।

महिला अस्तपताल की शुरुआत

निलोफर की मोअज्जाम जाह से शादी सफल नहीं रही। हजार कोशिशों के बावजूद वो मां नहीं बन सकीं, जिस वजह से दोनों के रिश्तों में कड़वाहट आती चली गई। इसी दौरान निलोफर की सबसे करीबी दासी की बच्चा पैदा करते हुए मौत हो गई। इस घटना ने उन्हें इतना दु:खी किया कि उन्होंने एक लेडीज हॉस्पिटल खोलने का फैसला ले लिया। निलोफर द्वारा शुरू किया लेडीज हॉस्पिटल आज हैदराबाद के बेस्ट मैटरनिटी हॉस्पिटल्स में शुमार है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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