अनुशय:

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 08:47, 20 September 2023 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''अनुशयः''' (पुल्लिंग) [अनु+शी+अच्] ::1. पश्चाताप, मनस्ता...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

अनुशयः (पुल्लिंग) [अनु+शी+अच्]

1. पश्चाताप, मनस्ताप, खेद, रंज, नन्वनुशयस्थानमेतत्-मा. 8,-इतो गतस्यानुशयो मा भूदिति-विक्रम. 4, शि. 2/14
2. अति बैर या क्रोध-शिशुपालोऽनुशयं परं गतः- शि. 16/2;-यस्मिन्नमुक्तानुशया सदैव जागर्ति भुजंगी-मा. 6/1
3. घृणा
4. गहरा संबंध, जैसा कि क्रमागत, (किसी पदार्थ से)गहन आसक्ति
5. (वेदान्त में) दुष्कर्मों का परिणाम या फल जो कि उनके साथ संयुक्त रहता है और पुनर्जन्म से अस्थायी मुक्ति का उपभोग कराके फिर जीव को शरीरों में प्रविष्ट करता है।
6. क्रय के मामलों में खेद जिसे पारिभाषिक रूप में 'उत्सादन' कहते हैं दे. क्रीतानुशय।[1]


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 49 |

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः