अयू (भ्वा. आ.) [कई बार भी, प., विशेषतः उद् उपसर्ग के साथ] [अयते, अयाचके, अयितुम्, अयित]
- जाना। अन्तर् अंतः प्रवेश करना, हस्तक्षेप करना,-दर्दुरक उपसुत्यान्तरयति-मृच्छः 2, अभ्युद्°
- 1. निकलना (जैसा कि चन्द्रमा, सूर्य)
- 2. फलना-फूलना, समृद्ध होना, उद्° 1. निकलना, उगना (जैसा कि सूर्य)-उदयति हि शशाङ्क कामिनी-गण्डपाण्डुः-मृच्छ. 1/57, 2. प्रकट होना, दिखलाई देना 3. फूटना, उदय होना, जन्म लेना, उत्पन्न होना (रा को ला हो जाने पर) भागना, वापिस होना, भाग जाना।[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 96 |
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