अव्याप्य

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 06:35, 23 May 2024 by रविन्द्र प्रसाद (talk | contribs) (''''अव्याप्य''' (विशेषण) [नञ्‌ तत्पुरुष समास] *जो सारी...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

अव्याप्य (विशेषण) [नञ्‌ तत्पुरुष समास]

  • जो सारी स्थिति के लिए लागू न हो, समस्त विस्तार पर छाया हुआ न हो।


समस्त पद-वृत्तिः (स्त्रीलिंग) [वैशेषिक दर्शन में] सीमित प्रयोग की एक श्रेणी, देशकाल की स्थिति से आंशिक विद्यमानता-जैसे सुख-दुःख।[1]


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 129 |

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः