असिद्ध

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असिद्ध (विशेषण) [नञ्‌ तत्पुरुष समास]

1. जो पूरा या संपन्न न हो

2. अपूर्ण, अधूरा

3. अप्रमाणित

4. अनपका, कच्चा

5. जो अनुमेय न हो,-ढः (पुल्लिंग) हेत्वाभास के पाँच मुख्य भागों में से एक, यह तीन प्रकार का है-

(1) आश्रयासिद्ध-जहाँ गुण के आश्रय की सत्ता सिद्ध न हो
(2) स्वरूपासिद्ध-जहीं निर्दिष्ट स्वरूप पक्ष में न पाया जाय, तथा
(3) व्याप्यत्तसिद्ध-जहाँ सहवर्तिता की उक्त स्थिरता वास्तविक न हो[1]


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 140 |

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