अऋणिन्

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search

अऋणिन् (विशेषण) [नास्ति ॠणं यस्य (नञ्‌ बहुव्रीहि समास)] (यहाँ 'ऋ' को व्यंजन ध्वनि माना गया है।)

  • जिसने कभी ऋण न लिया हो; जो कर्जदार न हो, ऋणमुक्त। ('अनृणिन्' शब्द भी इसी अर्थ में प्रयुक्त होता है।)[1]


  1. REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 01 |

संबंधित लेख


वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः