अतद्गुण:
अतद्गुणः (सा. शा.)
- 'अतद्ग्राही', एक अलंकार का नाम जिसमें कि प्रतिपाद्य पदार्थ-कारण के विद्यमान रहते हुए भी दूसरे के गुण को ग्रहण नहीं करता-काव्य. 10/-संविज्ञान (पुल्लिंग) बहुव्रीहि समास का एक भेद जहां विशेष्य के अधीन होकर विशेषण का ज्ञान न हो।[1]
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 19 |
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